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Delhi में बढ़ा भूकंप का खतरा, जानें क्यों Zone IV है सबसे खतरनाक?

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 17 Feb, 2025 08:37 AM

earthquake risk increased in delhi know why zone iv is the dangerous

आज सुबह दिल्ली एनसीआर में 4.0 तीव्रता के भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। जिसके बाद अब दिल्ली में भूकंप का खतरायह बढ़ गया है। भूकंप सुबह 5:36 मिनट पर आया था। भूकंप के झटके के बाद लोग डर के कारण अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र नई...

नेशनल डेस्क। आज सुबह दिल्ली एनसीआर में 4.0 तीव्रता के भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। जिसके बाद अब दिल्ली में भूकंप का खतरायह बढ़ गया है। भूकंप सुबह 5:36 मिनट पर आया था। भूकंप के झटके के बाद लोग डर के कारण अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र नई दिल्ली था लेकिन अब तक किसी भी तरह के हताहत होने की खबर नहीं आई है। हालांकि इन झटकों ने लोगों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। आईये आपको बताते हैं कि आखिरकार क्यों जोन IV है सबसे खतरनाक होता है?

दिल्ली भूकंप की दृष्टि से एक संवेदनशील क्षेत्र है क्योंकि यह दिल्ली फॉल्ट IV के संपर्क में है। इसका मतलब है कि दिल्ली में भूकंपीय गतिविधियों का खतरा ज्यादा है और यहां भूकंप की तीव्रता भी अधिक हो सकती है।

भारत के भूकंपीय क्षेत्रों को कैसे बांटा गया है?

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने भारत को चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा है जो भूकंप की तीव्रता और उसकी आवृत्ति के आधार पर हैं। इस बंटवारे का उद्देश्य यह समझना है कि भारत के किस हिस्से में भूकंप का खतरा ज्यादा है और किस हिस्से में कम।

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जोन II (कम जोखिम वाला क्षेत्र)

यह क्षेत्र कम जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र में आता है। यहां पर भूकंप आने का खतरा सबसे कम होता है। इस क्षेत्र में भूकंप की अधिकतम तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.9 तक हो सकती है। इस जोन में उत्तर प्रदेश का प्रयागराज, महाराष्ट्र का औरंगाबाद, कर्नाटक का बैंगलुरू, पश्चिम बंगाल का दुर्गापुर, छत्तीसगढ़ का भिलाई, मध्य प्रदेश का भोपाल, आंध्र प्रदेश का हैदराबाद, राजस्थान का जयपुर आदि शामिल हैं।

जोन III (मध्यम जोखिम वाला क्षेत्र)

यह क्षेत्र मध्यम जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र में आता है जहां भूकंप की तीव्रता 5 से 6 के बीच हो सकती है। इस जोन में उत्तर प्रदेश के बरेली, आगरा, लखनऊ, वाराणसी, कर्नाटक का बेलगाम, पंजाब का भटिंडा, मध्य प्रदेश का जबलपुर, पश्चिम बंगाल का कोलकाता, गुजरात का वडोदरा आदि शामिल हैं।

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जोन IV (ज्यादा जोखिम वाला क्षेत्र)

यह क्षेत्र ज्यादा जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र में आता है। यहां पर भूकंप की तीव्रता 6 से 6.9 तक हो सकती है। दिल्ली इस जोन में आता है और यहां भूकंप का खतरा ज्यादा रहता है। सिस्मिक जोन IV में उत्तराखंड का नैनीताल, पीलीभीत, रुड़की, बिहार का पटना, उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर, गोरखपुर, सिक्किम का गंगटोक, पंजाब का अमृतसर आदि शामिल हैं।

 

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जोन V (सबसे खतरनाक क्षेत्र)

भूकंप का सबसे खतरनाक जोन V है जहां भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7 या उससे ज्यादा हो सकती है। इस जोन में भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं। गुजरात का कच्छ भी इस जोन में आता है जहां 26 जनवरी 2001 को भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी और हजारों लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश का मंडी, जम्मू कश्मीर का श्रीनगर, नागालैंड का कोहिमा, गुजरात का भुज, मणिपुर का इंफाल, बिहार का दरभंगा आदि भी इस जोन में आते हैं।

इस तरह से भारत में भूकंप का खतरा विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग है और यह इन जोन के हिसाब से निर्धारित किया गया है।

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