Edited By Anu Malhotra,Updated: 04 Jan, 2025 10:36 AM
आज इथियोपिया में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में था। यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (EMSC) ने इस भूकंप की पुष्टि की है, और इस क्षेत्र में ज्वालामुखी विस्फोट होने का खतरा बढ़ गया है। मध्य...
नेशनल डेस्क: आज इथियोपिया में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में था। यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (EMSC) ने इस भूकंप की पुष्टि की है, और इस क्षेत्र में ज्वालामुखी विस्फोट होने का खतरा बढ़ गया है। मध्य इथियोपिया के माउंट डोफन में ज्वालामुखी विस्फोट की सूचना मिली है। इस क्षेत्र में पिछले कुछ समय से लगातार छोटे भूकंप महसूस किए जा रहे हैं, जो बड़े प्राकृतिक आपदा का संकेत हो सकते हैं, खासकर अवाश फेंटाले क्षेत्र में, जो अदीस अबाबा से करीब 230 किलोमीटर दूर है।
स्थानीय अधिकारियों, जिनमें क्षेत्रीय प्रशासक अब्दु अली भी शामिल हैं, ने उच्च जोखिम वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। भूकंप के झटके लगातार और तीव्र होते जा रहे हैं। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद क्रेटर से धुआं तो कम हो गया है, लेकिन लावा अब भी बह रहा है। ग्रेट रिफ्ट वैली का हिस्सा होने के कारण इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधि में बढ़ोतरी हो रही है, और इस साल सितंबर तक अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने यहां 67 से ज्यादा भूकंप दर्ज किए थे।
इस बीच, नेपाल में भी लगातार दूसरे दिन भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। 3 जनवरी 2025 को कर्णाली प्रांत के मुगु जिले में भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई। इससे पहले 2 जनवरी को नेपाल के सिंधुपालचौक जिले में 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था। हालांकि, दोनों घटनाओं में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन नेपाल भूकंप के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील है क्योंकि यह हिमालयन सिस्मिक बेल्ट में स्थित है, जहां टेक्टोनिक प्लेटों की टक्कर से भूकंप आते रहते हैं।
इथियोपिया और नेपाल में हो रहे इन भूकंपीय घटनाओं ने प्राकृतिक आपदाओं के प्रति लोगों की सतर्कता बढ़ा दी है, और विशेषज्ञों का कहना है कि इन क्षेत्रों में भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोटों की गतिविधियों पर नजर रखना बेहद जरूरी है।