Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Mar, 2025 12:42 PM

नोएडा में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। एक घर में चल रहे बड़े ऑनलाइन पोर्नोग्राफी रैकेट का पर्दाफाश किया गया, जिसका संचालन एक पति-पत्नी के द्वारा किया जा रहा था। इस रैकेट का मुख्य आरोपी, जो पहले रूस में एक ऐसे ही...
नेशनल डेस्क: नोएडा में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। एक घर में चल रहे बड़े ऑनलाइन पोर्नोग्राफी रैकेट का पर्दाफाश किया गया, जिसका संचालन एक पति-पत्नी के द्वारा किया जा रहा था। इस रैकेट का मुख्य आरोपी, जो पहले रूस में एक ऐसे ही सिंडिकेट का हिस्सा रह चुका था, ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर इस अवैध व्यापार को भारत में शुरू किया। दोनों ने सोशल मीडिया के जरिए मॉडलिंग का झांसा देकर लड़कियों को इस घिनौने धंधे में शामिल किया था।
ईडी की टीम ने शुक्रवार को नोएडा में एक फ्लैट पर छापा मारा और वहां तीन लड़कियों को पकड़ा, जो इस पोर्नोग्राफी रैकेट में काम कर रही थीं। यह गिरोह फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर एक पेज बना कर काम करता था, जहां लड़कियों को मोटी सैलरी का वादा कर लाइव न्यूडिटी करने के लिए ललचाया जाता था।
जब लड़कियां इस "मॉडलिंग" के इंटरव्यू के लिए आती थीं, तो उन्हें इस रैकेट का हिस्सा बनने का प्रस्ताव दिया जाता था और पैसों का लालच दिया जाता था। अधिकतर लड़कियां अच्छे पैसे के सपने में फंस कर इस अवैध कार्य में शामिल हो जाती थीं। छापेमारी के दौरान, यह पता चला कि ग्राहक जितना पैसा भेजते, उसके हिसाब से लड़कियां विभिन्न प्रकार के टास्क पूरा करती थीं और इस पैसे का 75 प्रतिशत हिस्सा गिरोह के पास जाता था, जबकि 25 प्रतिशत लड़कियों को दिया जाता था।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि पति-पत्नी ने एक प्राइवेट कंपनी, "सबडिजी वेंचर्स" बनाई थी, जो साइप्रस स्थित टेक्नियस लिमिटेड कंपनी के साथ साझेदारी में काम कर रही थी। टेक्नियस लिमिटेड के माध्यम से विदेशी पोर्न वेबसाइट्स जैसे एक्सहैम्सटर और स्ट्रिपचैट को कंटेंट भेजा जाता था।
ईडी ने इस मामले में फेमा (FEMA) नियमों के उल्लंघन की संभावना को देखते हुए कार्रवाई शुरू की, जिसके बाद यह पूरे रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। अब तक इस गिरोह के द्वारा 500 से ज्यादा लड़कियों को भर्ती किया गया था, और इसकी जांच अभी भी जारी है।