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ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के मंत्री Senthil Balaji से जुड़े ठिकानों पर की छापेमारी

Edited By Mahima,Updated: 06 Mar, 2025 11:21 AM

ed raids premises linked to tamil nadu minister senthil balaji

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को तमिलनाडु में मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत मंत्री सेंथिल बालाजी के कई ठिकानों पर छापेमारी की। बालाजी पर 2011 से 2015 के दौरान भ्रष्टाचार और अवैध वित्तीय लाभ अर्जित करने के आरोप हैं। यह कार्रवाई "कैश-फॉर-जॉब"...

नेशनल डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को तमिलनाडु में दस से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। इन ठिकानों पर विशेष रूप से डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत कार्रवाई की गई। ईडी की छापेमारी में बालाजी के करीबी सहयोगियों और अन्य से जुड़े परिसरों को भी निशाना बनाया गया। ये छापेमारी करूर, सुब्रमण्यम, एमसीएस शंकर आनंदन और कार्ति जैसे क्षेत्रों में की गई। इस दौरान ईडी की चार टीमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा में सुबह 8 बजे से ही कार्रवाई में जुटी थीं।

बालाजी के खिलाफ यह मामला 2011 से 2015 तक के उस समय का है, जब वह तमिलनाडु के परिवहन मंत्री थे। इस अवधि के दौरान, उन पर आरोप है कि उन्होंने परिवहन विभाग में भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार किया और अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध रूप से वित्तीय लाभ अर्जित किया। ईडी का आरोप है कि बालाजी ने अपने आधिकारिक पद का फायदा उठाते हुए अपराध की आय हासिल की और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए धन को सफाई से छिपाया।

यह मामला "कैश-फॉर-जॉब" घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें यह आरोप है कि बालाजी ने लोगों से नौकरी पाने के बदले में पैसे लिए। ईडी ने आरोप लगाया कि बालाजी ने अपनी सत्ता और प्रभाव का इस्तेमाल कर कई व्यक्तियों से अवैध रूप से पैसे लिए और फिर उन पैसों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया। अब, ईडी इस मामले की गहरी जांच कर रहा है और उन संपत्तियों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है, जिनसे यह अवैध धन अर्जित हुआ था।

सेंथिल बालाजी को 26 सितंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी, लेकिन जमानत मिलने के महज तीन दिन बाद ही 29 सितंबर को उन्हें तमिलनाडु के मंत्री के रूप में फिर से बहाल कर दिया गया था। बालाजी को बिजली, निषेध और उत्पाद शुल्क मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया, वही विभाग जो उन्होंने मई 2021 से जून 2023 तक संभाला था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए 2 दिसंबर, 2024 को सवाल उठाया कि उनके मंत्री बनने से गवाहों पर असर पड़ सकता है, क्योंकि लोग यह सोचेंगे कि गवाहों पर दबाव डालने की कोशिश की जा सकती है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया और केवल यह आदेश दिया कि बालाजी के मंत्री बनने के बाद गवाहों के सुरक्षा मुद्दे की जांच की जाएगी।

यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बालाजी के लिए गंभीर हो सकता है, क्योंकि यह भ्रष्टाचार से संबंधित आरोपों के एक लंबे सिलसिले का हिस्सा है। ईडी की इस नई छापेमारी से यह संकेत मिलता है कि वह इस मामले में तेजी से कार्रवाई कर रहा है और बालाजी की कथित भ्रष्ट गतिविधियों की पूरी जांच कर रहा है। बालाजी के खिलाफ यह मामला न केवल राज्य सरकार के लिए परेशानी का कारण बन सकता है, बल्कि इससे डीएमके पार्टी की छवि भी प्रभावित हो सकती है। जांच में प्रगति के साथ, यह देखना होगा कि बालाजी को इस मामले में क्या कानूनी परिणाम मिलते हैं और क्या वे इस मामले में अपने ऊपर लगे आरोपों से बचने में सफल होते हैं या नहीं।

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