Edited By Utsav Singh,Updated: 14 Nov, 2024 05:22 PM
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कथित "वोट जिहाद" मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। जानकारी के मुताबिक, ईडी ने "वोट के बदले नोट" देने के मामले में महाराष्ट्र और गुजरात के कई बड़े शहरों में छापेमारी की है। यह कार्रवाई मनी...
महाराष्ट्र : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कथित "वोट जिहाद" मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। जानकारी के मुताबिक, ईडी ने "वोट के बदले नोट" देने के मामले में महाराष्ट्र और गुजरात के कई बड़े शहरों में छापेमारी की है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी एक जांच के तहत की गई है, जिसमें बैंक खातों के दुरुपयोग के जरिए लाखों रुपये का लेन-देन किया गया था।
मालेगांव के व्यापारी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी
ईडी ने मालेगांव के एक व्यापारी से जुड़े ठिकानों पर भी छापेमारी की है, जो 100 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन में शामिल है। इस व्यापारी पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेजों और फेक केवाईसी (Know Your Customer) के जरिये बैंक अकाउंट खोले और उनका दुरुपयोग किया। जांच एजेंसी का शक है कि इस धन का इस्तेमाल चुनाव में गरीबों को पैसे देकर उनके वोट खरीदने के लिए किया जा सकता था।
दो राज्यों में 23 ठिकानों पर छापेमारी
ईडी ने आज पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act) के तहत महाराष्ट्र और गुजरात के प्रमुख शहरों में कुल 23 ठिकानों पर छापेमारी की। महाराष्ट्र के मालेगांव, नासिक और मुंबई के अलावा गुजरात के अहमदाबाद और सूरत में भी ये छापेमारी की गई। ईडी की कार्रवाई में यह जानकारी सामने आई है कि फर्जी बैंक खाते खोलने और पैसे के लेन-देन के लिए कई राज्यों के बैंक खातों का दुरुपयोग किया गया था।
2,500 से अधिक लेन-देन की जांच
जांच एजेंसी को जानकारी मिली है कि मालेगांव में किए गए 100 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन में कुछ हवाला ऑपरेटर भी शामिल हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में 2,500 से अधिक लेन-देन हुए हैं। इनमें से अधिकांश लेन-देन 170 बैंक शाखाओं से जुड़े हैं। इन खातों से पैसे जमा करने या निकाले जाने के आरोप हैं।
मालेगांव में केस दर्ज
यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पिछले सप्ताह तब सामने आया जब मालेगांव पुलिस ने सिराज अहमद हारुन मेमन नामक एक स्थानीय व्यापारी के खिलाफ मामला दर्ज किया। सिराज अहमद और अन्य लोग चाय और कोल्ड ड्रिंक्स की एजेंसी चलाते थे। पुलिस के मुताबिक सिराज अहमद अभी फरार है, लेकिन उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं।
फर्जी बैंक खाता और हवाला ऑपरेटरों का संलिप्तता
ईडी को मिली जानकारी के अनुसार, सिराज अहमद और उसके सहयोगियों ने फर्जी दस्तावेजों और फेक केवाईसी के माध्यम से 100 से अधिक बैंक खातों को सक्रिय किया था। इन खातों से हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से पैसे का लेन-देन किया गया। ईडी को शक है कि इन पैसों का इस्तेमाल चुनावी फायदे के लिए वोट खरीदने के उद्देश्य से किया जा सकता था।
बीजेपी नेता किरीट सोमैया का आरोप
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने मालेगांव मनी लॉन्ड्रिंग मामले को 'वोट जिहाद घोटाला' बताते हुए इस पर कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि एक महीने में देशभर के 200 बैंक अकाउंटों से 2,500 ट्रांजेक्शन हुए थे, जिनमें पैसे का बड़े पैमाने पर लेन-देन किया गया था।
गरीबों के बैंक अकाउंट से पैसे का लेन-देन
किरिट सोमैया का आरोप है कि मालेगांव के सिराज अहमद और मोइन खान ने गरीब लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाए थे, जिनमें चार दिन में कुल 125 करोड़ रुपये जमा किए गए। फिर यह पैसे 37 खातों में ट्रांसफर किए गए थे। सोमैया का कहना है कि इस पैसे का चुनावों में वोट खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था।
प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एक अहम मोड़ ले सकती है। चुनावी राज्य महाराष्ट्र में इस मनी लॉन्ड्रिंग और 'वोट जिहाद' घोटाले की जांच से यह साफ संकेत मिलते हैं कि चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर धन का उपयोग किया जा सकता है। ईडी की जांच और आगे की कार्रवाई इस मामले में और बड़े खुलासे कर सकती है, जबकि प्रदेश सरकार और विपक्ष दोनों ही इस मुद्दे पर घेराबंदी की योजना बना रहे हैं।