Edited By Parveen Kumar,Updated: 28 Nov, 2024 11:59 PM
साइबर धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन मामले में दिल्ली में एक फार्महाउस पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर बृहस्पतिवार को कथित तौर पर हमला किया गया, जिससे एक अधिकारी घायल हो गया।
नेशनल डेस्क : साइबर धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन मामले में दिल्ली में एक फार्महाउस पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर बृहस्पतिवार को कथित तौर पर हमला किया गया, जिससे एक अधिकारी घायल हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के बिजवासन क्षेत्र स्थित एक फार्महाउस पर हुई घटना के संबंध में उसने दिल्ली पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 221 (लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना), 132 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 121(1) (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाना), 351(3) (मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचाने की धमकी देना) और धारा 3(5) (समान मंशा) के तहत मामला दर्ज किया गया है तथा मामले के संबंध में यश नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
बिजवासन क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के कापसहेड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। दिल्ली के कुछ अन्य स्थानों पर भी छापे मारे गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फार्महाउस अशोक कुमार का है, जो पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) हैं। पुलिस के अनुसार, ईडी टीम का नेतृत्व एजेंसी के सहायक निदेशक सूरज यादव कर रहे थे। फार्महाउस में रखी एक टूटी हुई कुर्सी की तस्वीर ईडी ने ‘एक्स' पर साझा की है। ईडी अधिकारियों ने बताया कि हमले में एक प्रवर्तन अधिकारी (ईओ) को मामूली चोट आई है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक उपचार के बाद अधिकारी छापेमारी की कार्रवाई में शामिल हो गए।
ईडी ने एक बयान में कहा कि ये छापेमारी ‘फिशिंग' (फर्जी ईमेल के लिए लोगों को फंसाना), क्यूआर कोड के जरिये, अंशकालिक नौकरी का लालच देकर साइबर अपराधों के जरिये कई लोगों के साथ धोखाधड़ी के बारे में जानकारी मिलने के बाद शुरू की गई है। एजेंसी ने कहा कि उसने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) की मदद से इन मामलों का विश्लेषण किया। बयान के मुताबिक, ‘‘यह पाया गया कि सीए और क्रिप्टो व्यापारियों का एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा था।
इस साइबर धोखाधड़ी के माध्यम से अर्जित धन के लिए 15,000 अवैध खातों का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद, डेबिट और क्रेडिट कार्ड तथा अन्य माध्यम से धन निकाला गया।'' बयान में कहा गया कि कई पैन कार्ड, बैंक चेक बुक, पासबुक, पेन ड्राइव, क्रेडिट और डेबिट कार्ड, मुहर और सीपीयू सहित ‘‘अपराध में मददगार'' सामग्री जब्त की गई है। बयान में कहा गया, ‘‘बिजवासन में एक स्थान पर आरोपी अशोक शर्मा और उसके भाई ने ईडी के एक अधिकारी पर हमला किया और भाग निकले। एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई और छापेमारी की कार्रवाई जारी है।''
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि उसे बिजवासन इलाके में ईडी की टीम के साथ ‘‘हाथापाई'' की सूचना मिली थी। बयान के मुताबिक कापसहेड़ा थाना प्रभारी (एसएचओ) पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। ईडी की छापेमारी टीम में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की दो महिला अधिकारी भी मौजूद थीं। पुलिस ने कहा, ‘‘शर्मा (अशोक) के रिश्तेदार यश को मामले के संबंध में हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।'' ईडी अधिकारियों ने आरोप लगाया कि एजेंसी के अधिकारियों पर हमले में यश भी शामिल था। सूत्रों ने दावा किया कि साइबर अपराध नेटवर्क कथित तौर पर कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा संचालित किया जा रहा था।