Edited By Mahima,Updated: 29 Nov, 2024 09:31 AM
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर दिल्ली में एक अहम बैठक हुई, जिसमें एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से 4 प्रमुख मांगें रखीं: 12 मंत्री पद, विधान परिषद का सभापति पद, पालक मंत्री का सम्मानजनक बंटवारा, और होम तथा अर्बन डेवलपमेंट विभाग। सूत्रों के मुताबिक,...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में आगामी सरकार गठन को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के बीच गठबंधन को लेकर अब तक की प्रमुख बैठकें दिल्ली और मुंबई में हो चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में यह तय किया गया है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस होंगे। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
यह बैठक गुरुवार रात दिल्ली में हुई थी, जिसमें बीजेपी और महायुति (शिवसेना-एकनाथ शिंदे गुट और एनसीपी- अजित पवार गुट) के नेताओं ने मिलकर राज्य सरकार के गठन को लेकर चर्चा की। इस बैठक में मुख्य मुद्दा मुख्यमंत्री पद का था, लेकिन डिप्टी सीएम पद को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार, देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने पर लगभग सहमति बन चुकी है, जबकि उपमुख्यमंत्री के पद के लिए एकनाथ शिंदे और अजित पवार के नाम पर विचार हो रहा है।
एकनाथ शिंदे ने अमित शाह के सामने रखीं ये 4 बड़ी मांगें
बैठक में एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी की प्रमुख मांगों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखा। शिंदे ने सरकार में अपनी पार्टी को अधिक हिस्सेदारी की मांग की, जिससे उनकी ताकत और भूमिका सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कुल 4 प्रमुख मांगें रखी, जिनका समावेश सरकार गठन में किया जा सकता है:
1. 12 मंत्री पद: एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के लिए कुल 12 मंत्री पदों की मांग की है। इनमें कैबिनेट और राज्य मंत्री दोनों पद शामिल हैं। शिंदे ने कहा कि इन 12 पदों में उनकी पार्टी का उचित प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
2. विधान परिषद का सभापति पद: शिंदे ने विधान परिषद के सभापति पद की भी मांग की है। उनका कहना है कि यह पद उनकी पार्टी को सौंपा जाए, जिससे राज्यसभा के स्तर पर उनका प्रभाव बढ़ सके।
3. पालक मंत्री (Guardian Minister) का सम्मानजनक बंटवारा: शिंदे ने यह भी कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में पालक मंत्री के रूप में उनकी पार्टी को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। पालक मंत्री राज्य के विकास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और शिंदे चाहते हैं कि उनके गुट को इस बंटवारे में उचित सम्मान मिले।
4. होम और अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट: एकनाथ शिंदे ने होम और अर्बन डेवलपमेंट विभाग की मांग की है। यह दोनों विभाग राज्य के प्रशासन और शहरी विकास में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, और शिंदे की पार्टी चाहती है कि उन्हें इन विभागों की जिम्मेदारी दी जाए।
मुंबई में महायुति की बैठक
दिल्ली में हुई बैठक के बाद अब मुंबई में शुक्रवार को महायुति के घटक दलों की बैठक होगी। इस बैठक में सरकार गठन को लेकर अंतिम निर्णय लिए जाने की संभावना है। बैठक में शिंदे, फडणवीस, अजित पवार, और अन्य गठबंधन दलों के नेताओं के बीच विस्तृत चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने इस बैठक में दो डिप्टी सीएम के पद पर अपनी सहमति दे दी है। एकनाथ शिंदे और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
राज्य सरकार के गठन में कौन-कौन से दल शामिल हैं?
महाराष्ट्र में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP), शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट), और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार गुट का गठबंधन बन रहा है। यह गठबंधन आगामी सरकार के गठन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने वाला है। शिंदे गुट ने पहले ही बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया था, जबकि एनसीपी के अजित पवार गुट भी इस गठबंधन का हिस्सा है।
बीजेपी और शिंदे गुट के गठबंधन का क्या प्रभाव पड़ेगा?
बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन को लेकर पहले भी काफी राजनीति होती रही है, खासकर 2019 विधानसभा चुनावों के बाद। शिंदे गुट ने 2022 में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की योजना बनाई थी। इस कदम को लेकर राज्य में काफी विवाद भी हुआ था, लेकिन अब यह गठबंधन एक वास्तविकता बनता हुआ नजर आ रहा है। बीजेपी और शिंदे गुट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर समझौता हो गया है, जबकि उपमुख्यमंत्री पद पर अजित पवार और एकनाथ शिंदे का नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं।
अंतिम फैसला और आगे की राह
महाराष्ट्र के नए राजनीतिक समीकरण में आगे आने वाले दिनों में और भी निर्णय हो सकते हैं, जिनसे राज्य में सत्ता की दिशा तय होगी। आगामी सरकार के गठन को लेकर और भी अहम बैठकों का दौर जारी रहेगा, और राजनीतिक हलचल तेज हो सकती है। राज्य के विकास और प्रशासन की दिशा में यह गठबंधन कैसे काम करेगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। फिलहाल, महाराष्ट्र में सत्ता के इस नए समीकरण पर सभी की नजरें टिकी हैं।