Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Nov, 2024 08:27 AM
बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत की कबर सामने आई है। अब निजी अस्पतालों में भी उन्हें मुफ्त इलाज मिलेगा जिसके लिए वह घर बैठे ही कार्ड बनवा सकते है। दरअसल, बिहार के नालंदा जिले में बुजुर्गों को चिकित्सा सेवाओं का लाभ देने के लिए ‘आयुष्मान वय वंदना योजना’...
नेशनल डेस्क: बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत की कबर सामने आई है। अब निजी अस्पतालों में भी उन्हें मुफ्त इलाज मिलेगा जिसके लिए वह घर बैठे ही कार्ड बनवा सकते है। दरअसल, बिहार के नालंदा जिले में बुजुर्गों को चिकित्सा सेवाओं का लाभ देने के लिए ‘आयुष्मान वय वंदना योजना’ के तहत 20 नवंबर से 10 दिसंबर तक एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। योजना के तहत कार्ड धारक बुजुर्गों को सरकारी और पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
डिजिटल और डोर-टू-डोर पंजीकरण अभियान
योजना का लाभ सुनिश्चित करने के लिए जिले में व्यापक स्तर पर काम हो रहा है। सभी अस्पतालों में डिजिटल काउंटर लगाए गए हैं, जहां बुजुर्ग अपने आधार कार्ड के जरिए पंजीकरण करा सकते हैं। इसके अलावा, आशा वर्कर घर-घर जाकर पात्र लाभार्थियों को इस योजना से जोड़ रही हैं। आशा वर्कर विशेष रूप से उन बुजुर्गों पर ध्यान दे रही हैं जो अब तक योजना से वंचित थे। राशन कार्ड धारकों को भी आयुष्मान योजना में शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। आशा वर्करों को प्रत्येक पंजीकरण के लिए 5 रुपये का प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।
घर बैठे भी बनवा सकते हैं कार्ड
अगर कोई बुजुर्ग अस्पताल या डिजिटल काउंटर तक नहीं जा सकते, तो वे घर बैठे ही ‘आयुष्मान भारत एप’ के जरिए पंजीकरण कर सकते हैं। यह एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। हालांकि, यह सुनिश्चित करना होगा कि आधार कार्ड में उनकी उम्र 70 साल या उससे अधिक हो।
बुजुर्गों के लिए वरदान साबित हो रही योजना
इस योजना के तहत, बुजुर्ग न केवल सरकारी बल्कि पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज करा सकते हैं। यह पहल विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों के लिए राहत लेकर आई है। बीते अक्टूबर से शुरू हुई इस प्रक्रिया के बाद अब इसे तेजी से लागू किया जा रहा है।
आयुष्मान वय वंदना योजना बुजुर्गों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है, जो उन्हें न केवल स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच दिला रही है, बल्कि उनके जीवन को सुरक्षित और बेहतर बना रही है।