Edited By Parveen Kumar,Updated: 28 Nov, 2024 12:32 AM
मुंबई में साइबर जालसाजों ने खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर 77 वर्षीय महिला को एक महीने तक ‘डिजिटल अरेस्ट' रखा और उनसे 3.8 करोड़ रुपये अपने खातों में हस्तांतरित करा लिए।
नेशनल डेस्क : मुंबई में साइबर जालसाजों ने खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर 77 वर्षीय महिला को एक महीने तक ‘डिजिटल अरेस्ट' रखा और उनसे 3.8 करोड़ रुपये अपने खातों में हस्तांतरित करा लिए। पुलिस के अनुसार जालसाजों ने दावा किया कि महिला के आधार कार्ड का इस्तेमाल धनशोधन मामले में किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि घटना एक माह पुरानी है।
एक अज्ञात व्यक्ति ने व्हाट्सऐप कॉल करके बुजुर्ग महिला से कहा कि उनके द्वारा ताइवान भेजे गए पार्सल में एमडीएमए ड्रग्स, पांच पासपोर्ट, एक बैंक कार्ड और कपड़े हैं, इस पर महिला ने कहा कि उसने तो कोई पार्सल नहीं भेजा। महिला अपने पति के साथ दक्षिण मुंबई में रहती है। उनके पति सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि जालसाजों ने महिला को डरा-धमका कर उससे विभिन्न बैंक खातों में 3.8 करोड़ रुपये हस्तांतरित कराए। उन्होंने बताया कि महिला ने घटना की जानकारी विदेश में रहने वाली अपनी बेटी को दी।
महिला की बेटी ने उन्हें तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि महिला ने इसके बाद साइबर हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके घटना की जानकारी दी, जिसके बाद जांचकर्ताओं ने उन छह बैंक खातों पर रोक लगा दी जिनमें धन हस्तांतरित किया गया था। उन्होंने बताया कि अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है।