Edited By Utsav Singh,Updated: 15 Oct, 2024 08:10 PM
देश में हाल ही में दो राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए, और उनके परिणाम भी आ चुके हैं। एग्जिट पोल के अनुसार, हरियाणा में कांग्रेस को आगे बताया जा रहा था। पर अब बीजेपी राज्य में सरकार बनाने जा रही है। इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने...
नेशनल डेस्क : देश में हाल ही में दो राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए, और उनके परिणाम भी आ चुके हैं। एग्जिट पोल के अनुसार, हरियाणा में कांग्रेस को आगे बताया जा रहा था। सभी मीडिया चैनल इस बात की पुष्टि कर रहे थे कि कांग्रेस इस बार सरकार बनाने जा रही है। हालांकि, जब 8 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आए, तो सभी दंग रह गए। एग्जिट पोल पूरी तरह से फेल हो गए, और अब बीजेपी राज्य में सरकार बनाने जा रही है। यह परिणाम उन सभी अनुमानों के विपरीत था जो चुनाव से पहले किए गए थे।
इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए एग्जिट पोल पर भी एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने इस विषय पर अपनी राय साझा की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि चुनाव परिणामों और एग्जिट पोल में बड़ा अंतर क्यों आ जाता है।आइए जानते है विस्तार से...
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राजीन कुमार ने एग्जिट पोल को लेकर बड़ा ब्यान दिया
मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव परिणाम आने से पहले एक पूरी प्रक्रिया होती है। राजीव कुमार के अनुसार, मतगणना के दिन पहला रिजल्ट सुबह 9:10 बजे आता है। मतदान समाप्त होने के बाद रात 8:05 बजे से ही मीडिया में चुनाव के रुझान दिखाए जाने लगते हैं। इस समय सीमा के कारण एग्जिट पोल और चुनाव परिणामों में बड़ा अंतर आ जाता है।
Assembly polls in Jharkhand in two phases on Nov 13 and Nov 20
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— ANI Digital (@ani_digital) October 15, 2024
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EVM की जांच प्रक्रिया
चुनाव आयुक्त ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से संबंधित आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि चुनाव से 5-6 महीने पहले मशीनों की जांच (फाइनल लॉजिस्टिक चेक) की जाती है। इसके बाद मॉक पोल किया जाता है और फिर मशीनें कनेक्ट की जाती हैं।
राजनीतिक पार्टियों की शिकायतें
राजीव कुमार ने कहा कि ईवीएम को लेकर जो भी शिकायतें राजनीतिक पार्टियों ने की हैं, उनका समाधान किया जाएगा। यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वे राजनेताओं और आम लोगों को ईवीएम के कार्यप्रणाली के बारे में पूरी जानकारी दें।
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EVM पर उठते सवाल
मुख्य चुनाव आयुक्त ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से संबंधित उठाए गए सभी सवालों का लिखित में जवाब देने और मीडिया के माध्यम से उन्हें प्रकाशित करने की जिम्मेदारी स्वीकार की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब मशीनों की कमिशनिंग की जाती है, तब उनमें बैटरी डाली जाती है, इसलिए बैटरी की कम या ज्यादा होने की चिंता नहीं होनी चाहिए।
इस प्रकार, चुनाव आयोग ने ईवीएम की प्रक्रिया और चुनाव परिणामों के बारे में सभी शंकाओं को दूर करने का आश्वासन दिया है। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि आम जनता और राजनीतिक दलों के मन में उठने वाले सवालों का समाधान किया जाए और चुनाव प्रणाली में विश्वास बढ़े।