Voter ID से लिंक होगा Aadhaar Card, गृह मंत्रालय की मीटिंग में बड़ा फैसला

Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Mar, 2025 07:46 AM

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चुनाव आयोग आने वाले महीनों में वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया में तेजी लाने की तैयारी कर रहा है। इस कदम का उद्देश्य मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदाता पहचान-पत्रों की समस्या को हल करना है। हालांकि, इस पहल ने राजनीतिक दलों के बीच...

नेशनल डेस्क:  चुनाव आयोग आने वाले महीनों में वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया में तेजी लाने की तैयारी कर रहा है। इस कदम का उद्देश्य मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदाता पहचान-पत्रों की समस्या को हल करना है। हालांकि, इस पहल ने राजनीतिक दलों के बीच बहस भी छेड़ दी है, जिसमें पारदर्शिता, गोपनीयता और मतदाता अधिकारों को लेकर चिंताएं उठाई जा रही हैं।

तकनीकी स्तर पर होगी समीक्षा

निर्वाचन आयोग ने EPIC को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया को संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के तहत संवैधानिक दायरे में रखते हुए आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसी को लेकर जल्द ही यूआईडीएआई और ईसीआई के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच परामर्श शुरू होगा।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अगुवाई में आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव, विधि मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और यूआईडीएआई के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस योजना पर मंथन किया। आयोग का मानना है कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने में मदद करेगी।

राजनीतिक दलों की आपत्तियां

यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब तृणमूल कांग्रेस, शिव सेना (UBT), एनसीपी (SCP) और बीजेडी जैसे कई दलों ने मतदाता सूची में अनियमितताओं को लेकर सवाल उठाए हैं। इन दलों ने दावा किया है कि कई मतदाताओं को एक ही EPIC नंबर जारी किए गए हैं। निर्वाचन आयोग ने माना कि कुछ राज्यों में तकनीकी खामियों के कारण यह समस्या आई, लेकिन इसे फर्जीवाड़ा मानने से इनकार कर दिया।

राहुल गांधी ने जताई चिंता

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आधार लिंकिंग से डुप्लिकेट मतदाता पहचान-पत्रों की समस्या का समाधान होगा, लेकिन गरीब और वंचित तबकों को इसे जोड़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा चुनावों की मतदाता सूची सार्वजनिक करे और उसमें नाम जोड़ने-हटाने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए।

चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य फर्जी मतदाताओं को हटाना है, न कि किसी भी मतदाता को उसके अधिकार से वंचित करना। 

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