Edited By Anu Malhotra,Updated: 12 Nov, 2024 11:08 AM
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा शुरू करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। रिपोर्टों के अनुसार, स्टारलिंक ने भारत सरकार की डेटा सुरक्षा और स्थानीय डेटा भंडारण से जुड़ी शर्तों को स्वीकार कर लिया...
नेशनल डेस्क: अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा शुरू करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। रिपोर्टों के अनुसार, स्टारलिंक ने भारत सरकार की डेटा सुरक्षा और स्थानीय डेटा भंडारण से जुड़ी शर्तों को स्वीकार कर लिया है। ये दोनों शर्तें स्टारलिंक की भारत में शुरुआत में बड़ी बाधा थीं, लेकिन अब कंपनी इन्हें मानने के लिए सहमत हो गई है। हालांकि, स्टारलिंक की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
भारत में स्टारलिंक का प्रवेश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा
भारत में स्टारलिंक का आगमन रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, और वोडाफोन आइडिया जैसे भारतीय टेलीकॉम दिग्गजों के लिए एक नई चुनौती है। ये कंपनियां चाहती हैं कि सैटेलाइट सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के माध्यम से हो ताकि निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बनी रहे। वहीं, स्टारलिंक का मानना है कि सैटेलाइट सेवाएं और जमीनी नेटवर्क अलग हैं, इसलिए इसके लिए प्रशासनिक आवंटन ही उपयुक्त होगा। सरकार भी इस पर विचार कर रही है और दिसंबर तक इस संबंध में नियम बनाए जाने की उम्मीद है।
भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था और भविष्य
भारत में सैटेलाइट सेवाओं का विस्तार देश की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा अवसर है। अनुमान है कि 2033 तक भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 44 अरब डॉलर हो सकता है, जो वर्तमान में वैश्विक स्तर पर 2% से बढ़कर 8% तक हो सकता है।
नए नियमों की घोषणा जल्द
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) सैटेलाइट सेवाओं के स्पेक्ट्रम आवंटन और मूल्य निर्धारण पर 15 दिसंबर तक नियम बनाने की प्रक्रिया में है। इन नियमों के जारी होने के बाद स्टारलिंक समेत अन्य सैटेलाइट इंटरनेट प्रदाताओं के लिए भारत में संचालन का रास्ता साफ हो जाएगा।