Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Nov, 2024 09:13 AM
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। मोदी सरकार सेविंग स्कीम को बढ़ावा देने के लिए EPF खाताधारकों को अधिक योगदान करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार पीएफ...
नेशनल डेस्क: कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। मोदी सरकार सेविंग स्कीम को बढ़ावा देने के लिए EPF खाताधारकों को अधिक योगदान करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार पीएफ योगदान पर लागू वेतन सीमा को खत्म करने पर विचार कर रही है।
मौजूदा नियम क्या हैं?
वर्तमान में, कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा ईपीएफ खाते में जमा होता है। वहीं, नियोक्ता द्वारा जमा किए गए कुल अंशदान में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है और 3.67 प्रतिशत भविष्य निधि खाते में। इस योजना का लाभ करीब 6.7 करोड़ भारतीय वेतनभोगियों को मिलता है।
क्या हो सकते हैं बदलाव?
केंद्र सरकार पीएफ योगदान में बदलाव की योजना बना रही है। यदि यह बदलाव लागू होता है, तो कर्मचारियों को यह विकल्प दिया जा सकता है कि वे अपनी मासिक पेंशन बढ़ाने के लिए अधिक योगदान करें। इसका असर रिटायरमेंट के समय मिलने वाली एकमुश्त राशि पर हो सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से कर्मचारी की पसंद पर निर्भर होगा।
15,000 रुपये की सीमा बढ़ाने की मांग
सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) के महासचिव टीएन करुमलाईयन ने सुझाव दिया कि सरकार को मौजूदा 15,000 रुपये वेतन सीमा बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। इससे प्रोविडेंट फंड और पेंशन योजनाओं में योगदान बढ़ सकेगा, जिससे कर्मचारियों को अधिक लाभ मिलेगा।
EPFO की पेंशन योजना और नई नौकरियां
ईपीएफओ ने नवंबर 1995 में पेंशन घटक की शुरुआत की थी। यह सामाजिक सुरक्षा योजना रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को पेंशन प्रदान करती है। इस बीच, ईपीएफओ ने 7 नवंबर 2024 तक 4,300 लोगों को रोजगार दिया है। इसके अलावा, केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में 60,000 नियुक्तियां की गई हैं, और 5,000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।
क्या होगा बदलाव का असर?
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो कर्मचारियों को अधिक सेविंग और बेहतर पेंशन का विकल्प मिलेगा। यह योजना न केवल उनके भविष्य को सुरक्षित करेगी बल्कि उन्हें अपने रिटायरमेंट के लिए अधिक धनराशि बचाने का अवसर भी देगी।