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बिजली निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों ने की राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा, 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में होगी बड़ी पंचायत

Edited By Rahul Rana,Updated: 11 Dec, 2024 05:04 PM

employees announce nationwide movement against electricity privatization

उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आज लखनऊ में हुई। इस बैठक...

नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आज लखनऊ में हुई। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

विरोध की तारीखें और स्थान

: 13 और 19 दिसंबर को देशभर में बिजली कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ विरोध सभाएं करेंगे।
: 22 दिसंबर को लखनऊ में और 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में बिजली निजीकरण के विरोध में विशाल बिजली पंचायत आयोजित की जाएगी।
: एनसीसीओईईई ने यह भी निर्णय लिया कि अगर उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की कोई भी एकतरफा कार्रवाई होती है तो उसी दिन और बिना किसी नोटिस के देशभर के 27 लाख बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरकर  विरोध प्रदर्शन करेंगे।
: बैठक में यह भी तय किया गया कि चंडीगढ़ में जब निजी कंपनी को विद्युत व्यवस्था सौंपने की कार्रवाई होगी उसी दिन देशभर में विरोध किया जाएगा।

विशाल बिजली पंचायत और कार्यक्रम

एनसीसीओईईई ने बताया कि 13 दिसंबर को देशभर में बिजली कर्मचारी "निजीकरण विरोधी दिवस" मनाएंगे। इसके बाद 19 दिसंबर को काकोरी क्रांति के महानायकों पं. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस पर पूरे देश में "शहीदों के सपनों का भारत बचाओ - निजीकरण हटाओ" दिवस मनाया जाएगा। इस दिन जनपद और परियोजना मुख्यालयों पर विरोध सभाएं की जाएंगी।

इसके अलावा 22 दिसंबर को लखनऊ और 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में विशाल बिजली पंचायत आयोजित की जाएगी जिसमें बिजली कर्मचारियों के साथ-साथ किसान और आम उपभोक्ता भी शामिल होंगे। इस पंचायत में उपभोक्ताओं और कर्मचारियों को बिजली के निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा।

निजीकरण के विरोध में सख्त निर्णय

एनसीसीओईईई ने यह भी तय किया है कि अगर उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण निगमों के निजीकरण की कोई भी कार्रवाई शुरू की जाती है तो उसी दिन देशभर के 27 लाख बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे। यह विरोध देशव्यापी होगा और इसमें बिजली कर्मचारियों के साथ-साथ आम लोग भी शामिल होंगे।

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