Edited By Radhika,Updated: 22 Mar, 2025 12:31 PM

मध्य प्रदेश के सागर जिले के गौरझामर गांव में स्थित श्री दत्तात्रेय मंदिर में जातिगत भेदभाव का मामला सामने आया है। यहां से एक याचिकाकर्ता उत्तम सिंह लोधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि एमपी के गौरझामर गांव के एक मंदिर में केवल ऊंची जातियों के लोगों को ही...
नेशनल डेस्क : मध्य प्रदेश के सागर जिले के गौरझामर गांव में स्थित श्री दत्तात्रेय मंदिर में जातिगत भेदभाव का मामला सामने आया है। यहां से एक याचिकाकर्ता उत्तम सिंह लोधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि एमपी के गौरझामर गांव के एक मंदिर में केवल ऊंची जातियों के लोगों को ही प्रवेश दिया जाता है। जबकि एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के लोगों को प्रवेश से रोका जाता है।
मामला हाईकोर्ट पहुंचा -
यह मामला एमपी हाईकोर्ट तक पहुंचा। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि मंदिर पर भू-माफियाओं का कब्जा है, जो जातिगत भेदभाव की नीति को लागू कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन ने पुलिस बल तैनात किया है। इससे पिछड़ी जातियों के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है।
हाईकोर्ट का फैसला -
हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुरेश कुमार केत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने पहले से पारित यथास्थिति आदेश को लागू रखने का फैसला लेते हुए कहा कि अगर भविष्य में इस आदेश का उल्लंघन हुआ, तो याचिकाकर्ता अवमानना याचिका दायर कर सकते हैं।
मंदिरों में जातिगत भेदभाव पर विवाद-
एमपी के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले भी मंदिरों में जातिगत भेदभाव के मामले सामने आए हैं। यह मामला संविधान में दिए गए समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14) और धार्मिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) के उल्लंघन से जुड़ा हुआ है।