Edited By Parminder Kaur,Updated: 31 Aug, 2024 02:14 PM
अनीश बनर्जी केवल 27 साल के थे और उनकी जान बचाने की आदत सभी को पता थी। वे अक्सर ब्लड डोनेट करते थे और उनके परिवार वाले भी उनकी इस आदत से परिचित थे। हाल ही में एक सड़क हादसे में अनीश का ब्रेन डेड हो गया। अनीश के परिवार ने उनकी जान बचाने के स्वभाव को...
नेशनल डेस्क. अनीश बनर्जी केवल 27 साल के थे और उनकी जान बचाने की आदत सभी को पता थी। वे अक्सर ब्लड डोनेट करते थे और उनके परिवार वाले भी उनकी इस आदत से परिचित थे। हाल ही में एक सड़क हादसे में अनीश का ब्रेन डेड हो गया। अनीश के परिवार ने उनकी जान बचाने के स्वभाव को देखते हुए उनका अंगदान करने का निर्णय लिया।
अनीश के अंगों से कई लोगों की जान बचाई गई। उनका दिल एम्स में एक मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया और उनका लिवर आर्मी हॉस्पिटल में एक दूसरे मरीज को दिया गया। इसके अतिरिक्त अनीश की दोनों किडनी-एक एम्स में और दूसरी सफदरजंग अस्पताल में ट्रांसप्लांट की गईं। इस तरह अनीश के अंगों ने कई लोगों को नया जीवन दिया।
बेटे को श्रद्धांजलि देते हुए पिता अभिजीत बनर्जी ने बताया कि वह बहुत ही सहयोगी स्वभाव का था और अक्सर रक्तदान करता रहता था। उसके इसी स्वभाव ने परिवार को उसके अंगदान करने के लिए प्रेरित किया। अनीश के शरीर से दिल, दोनों किडनी और लिवर को सुरक्षित निकाला गया और राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोट्टो) के दिशा-निर्देश से अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती मरीजों को प्रत्यारोपित किया गया है। इनमें से अनीश का दिल एम्स दिल्ली में भर्ती एक मरीज को प्रत्यारोपित किया गया। लिवर को सेन के अस्पताल रिसर्च एंड रेफरल को भेजा गया, एक किडनी एम्स में जबकि दूसरी किडनी सफदरजंग अस्पताल में भर्ती मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित की गई है।