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36 साल की उम्र में भी रन चेज में विराट कोहली जैसा कोई नहीं, खुद बताया सफलता का राज

Edited By Pardeep,Updated: 04 Mar, 2025 11:36 PM

even at the age of 36 there is no one like virat kohli in run chase

विराट कोहली ने एक बार फिर अपनी बेमिसाल बल्लेबाजी से भारत को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 विकेट से जीत दिलाई। कोहली ने 84 रन की शानदार पारी खेली, जिससे भारत ने 264 रन के लक्ष्य को 11 गेंद रहते हासिल कर लिया।

नेशनल डेस्कः विराट कोहली ने एक बार फिर अपनी बेमिसाल बल्लेबाजी से भारत को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 विकेट से जीत दिलाई। कोहली ने 84 रन की शानदार पारी खेली, जिससे भारत ने 264 रन के लक्ष्य को 11 गेंद रहते हासिल कर लिया। इस जीत के बाद विराट ने अपनी बल्लेबाजी और मानसिकता पर एक बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने साफ किया कि अब उन्हें किस चीज की चिंता नहीं रहती और किसे वो अब और ज्यादा महत्व नहीं देते हैं।

विराट कोहली का बड़ा बयान
विराट कोहली ने मैच के बाद कहा, “इस पिच पर साझेदारी बनाना सबसे महत्वपूर्ण था। यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है, और फिर मैं अपनी पारी खेलता हूं। मेरी टाइमिंग, क्रीज पर मेरा संयम, मैं जल्दबाजी में नहीं था। मैंने जो सिंगल्स लिए, वह मेरे लिए सबसे संतोषजनक हिस्सा था।"

विराट ने आगे कहा, “यह खेल पूरी तरह से दबाव और संयम का खेल है। अगर आप गहराई तक जाते हैं, तो विरोधी टीम आमतौर पर हार मानने लगती है। अपनी भावनाओं पर काबू पाना बहुत जरूरी है। भले ही रन रेट छह रन प्रति ओवर हो, मैं उस पर परेशान नहीं होता। यह मेरे लिए अब मायने नहीं रखता।"

"मेरे लिए अब ये चीजें मायने नहीं रखती" 
जब विराट से पूछा गया कि क्या यह उनकी अब तक की सबसे बेहतरीन पारी है, तो उन्होंने जवाब दिया, “मुझे नहीं पता। यह आप लोग तय करेंगे कि इसे कैसे देखें। मैंने कभी भी माइलस्टोन्स पर ध्यान नहीं दिया। जब आप उन लक्ष्यों के बारे में नहीं सोचते, तो वो खुद ब खुद आते हैं। अगर मैं तीन अंकों के आंकड़े तक पहुंचता हूं, तो बहुत अच्छा है, लेकिन मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है टीम की जीत। अब वह सारी चीजें मेरे लिए मायने नहीं रखतीं।”

विराट शतक से चूके, लेकिन बने रिकॉर्ड्स के बादशाह 
विराट कोहली ने अपनी पारी में शतक से चूकते हुए 84 रन बनाए, लेकिन उनके लिए यह पारी भी रिकॉर्ड-तोड़ साबित हुई। पाकिस्तान के खिलाफ शानदार शतक बनाने के बाद विराट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी शतक जड़ सकते थे, लेकिन एक गलत शॉट की वजह से उनका विकेट गिर गया। इसके बावजूद, विराट कोहली ने कई रिकॉर्ड्स तोड़े। वह आईसीसी नॉकआउट मुकाबलों में 1000 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए और आईसीसी वनडे टूर्नामेंट्स में 24 फिफ्टी प्लस स्कोर बनाने वाले खिलाड़ी बन गए, जिससे उन्होंने सचिन तेंदुलकर का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा।

विराट कोहली की मानसिकता: जीत पहले, रिकॉर्ड बाद
विराट कोहली की मानसिकता हमेशा जीत पर केंद्रित रही है। उन्होंने कभी व्यक्तिगत उपलब्धियों को ज्यादा महत्व नहीं दिया। उनके लिए सबसे अहम है टीम की सफलता और मैच की स्थिति के अनुसार खेलना। जब तक टीम जीतती है, तब तक वह अपने व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स की चिंता नहीं करते। यही उनकी सफलता का सबसे बड़ा कारण है, और यही बात उन्हें क्रिकेट की दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में शुमार करती है।

विराट कोहली की यह सोच और उनके द्वारा निभाई गई भूमिका इस मैच में टीम इंडिया के लिए काफी निर्णायक रही और उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि वह केवल रन बनाने में ही नहीं, बल्कि मैच की मानसिकता को समझने में भी माहिर हैं।

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