Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 26 Jan, 2025 11:44 AM
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि सहमति से बने शारीरिक संबंध किसी भी पुरुष को महिला पर हमला करने का अधिकार नहीं देते हैं। यह फैसला एक ऐसे मामले में आया है जिसमें एक पुलिस अधिकारी पर अपनी महिला मित्र के साथ बलात्कार और...
नेशनल डेस्क: कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि सहमति से बने शारीरिक संबंध किसी भी पुरुष को महिला पर हमला करने का अधिकार नहीं देते हैं। यह फैसला एक ऐसे मामले में आया है जिसमें एक पुलिस अधिकारी पर अपनी महिला मित्र के साथ बलात्कार और शारीरिक हमले का आरोप लगा था। मामले के अनुसार, एक पुलिस कांस्टेबल की पत्नी ने एक पुलिस अधिकारी पर आरोप लगाया था कि उसने उसके साथ साल 2017 से 2022 तक शारीरिक संबंध बनाए रखे। हालांकि साल 2021 में उसने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी ने उसके साथ बलात्कार किया और उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। महिला ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ हत्या का प्रयास, बलात्कार, हमला और गलत तरीके से बंदी बनाए रखने का आरोप भी लगाया।
पुलिस अधिकारी ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि उनका रिश्ता पूरी तरह से सहमति से था। हालांकि, पुलिस ने मामले की जांच की और चार्जशीट दायर की।
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हाईकोर्ट का फैसला क्या?
कर्नाटक हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि सहमति का मतलब यह नहीं है कि महिला के साथ हिंसा की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी और पीड़िता के बीच कभी-कभी शारीरिक संबंध शांतिपूर्ण होते थे, लेकिन कभी-कभी आरोपी की ओर से हिंसक घटनाएं भी घटित होती थीं।
कोर्ट ने यह भी कहा कि चार साल तक चले इस रिश्ते को बलात्कार के रूप में नहीं माना जा सकता है, भले ही यह माना जाए कि यह सहमति धोखाधड़ी या दबाव के तहत ली गई थी।