इसके सामने तो UPSC भी आसान, 9 घंटे की परीक्षा, 0.003% से भी कम सफलता

Edited By Mahima,Updated: 14 Nov, 2024 02:25 PM

even upsc is easy in front of this 9 hours exam

चीन की Gaokao (NCEE) परीक्षा दुनिया की सबसे कठिन कॉलेज प्रवेश परीक्षा मानी जाती है, जिसमें 13 मिलियन से अधिक छात्र भाग लेते हैं, लेकिन केवल 0.003% से 0.004% को सफलता मिलती है। 9 घंटे लंबी इस परीक्षा में चीनी, गणित, अंग्रेजी और विज्ञान जैसे विषय...

नेशनल डेस्क: भारत में UPSC और JEE जैसी प्रवेश परीक्षाओं को बेहद कठिन माना जाता है, लेकिन जब बात दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं की होती है, तो चीन की National College Entrance Exam (NCEE) या Gaokao की परीक्षा का नाम सबसे पहले आता है। इस परीक्षा को चीनी मीडिया द्वारा दुनिया की सबसे कठिन कॉलेज प्रवेश परीक्षा माना जाता है, जिसमें सफलता पाने वाले छात्रों का प्रतिशत केवल 0.003% से 0.004% तक होता है। यह परीक्षा न केवल अपने कठिन स्तर के लिए जानी जाती है, बल्कि इसके आयोजन का तरीका और देशव्यापी असर भी इसे और अधिक चुनौतीपूर्ण बना देते हैं।

क्या है Gaokao की परीक्षा?
Gaokao , जिसे चीन की National College Entrance Exam (NCEE) भी कहा जाता है, चीन में कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए हाई स्कूल के छात्रों के लिए आयोजित की जाती है। यह परीक्षा हर साल जून के महीने में दो से तीन दिन तक चलती है और पूरे चीन में एक साथ आयोजित होती है। परीक्षा में छात्र अपनी पूरी हाई स्कूल शिक्षा का ज्ञान दिखाते हैं, जिसमें चीनी भाषा, गणित, एक विदेशी भाषा (आमतौर पर अंग्रेजी) और विज्ञान के विभिन्न विषयों से जुड़े सवाल होते हैं। इस परीक्षा का कुल समय 9 घंटे होता है, जो इसे और भी कठिन बनाता है। छात्रों को इस परीक्षा में उन सभी विषयों में अपनी निपुणता दिखानी होती है, जो उन्होंने 12 साल तक अपनी शिक्षा के दौरान सीखी होती हैं। परीक्षा का पैटर्न और प्रश्नों का स्तर इतना कठिन होता है कि यह केवल सबसे मेधावी छात्रों के लिए ही संभव होता है।

1 करोड़ 30 लाख छात्र, 50,000 सीटें
Gaokao परीक्षा में हर साल लगभग 13 मिलियन (1 करोड़ 30 लाख) से अधिक छात्र भाग लेते हैं। इस परीक्षा के लिए कुल सीटें केवल 50,000 से 60,000 के बीच होती हैं, यानी प्रति सीट लगभग 260 दावेदार होते हैं। इतनी बड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच केवल 0.003% से 0.004% छात्र ही सफल हो पाते हैं और अपने मनचाहे कॉलेज में दाखिला प्राप्त कर पाते हैं। चीन में यह परीक्षा एक प्रमुख घटना के रूप में होती है, और परीक्षा के दिनों में पूरे देश में गहमा-गहमी रहती है। स्कूल और कॉलेज की छुट्टियाँ होती हैं, ताकि छात्र अपनी पूरी एकाग्रता से परीक्षा में शामिल हो सकें। इसके अलावा, यह परीक्षा देश के लिए इतना बड़ा सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा बन जाती है कि सरकार भी इसमें छात्रो की मदद के लिए हर संभव उपाय करती है।

Gaokao की कठिनाई का कारण
Gaokao परीक्षा को लेकर कहा जाता है कि यह केवल छात्रों के अकादमिक ज्ञान का परीक्षण नहीं करती, बल्कि मानसिक दृढ़ता और सहनशक्ति की भी परीक्षा होती है। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र न केवल पूरी हाई स्कूल शिक्षा को दोहराते हैं, बल्कि अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान रखते हैं, क्योंकि परीक्षा के दौरान लगातार 9 घंटे तक ध्यान केंद्रित करना बेहद कठिन होता है।चीनी छात्र और उनके माता-पिता इस परीक्षा को जीवन में सफलता पाने का सबसे महत्वपूर्ण अवसर मानते हैं। इसलिए, Gaokao के परिणामों के आधार पर छात्रों के भविष्य की दिशा तय होती है। यह परीक्षा चीन के उच्च शिक्षा प्रणाली के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक संरचनाओं को भी प्रभावित करती है। 

 UPSC और JEE की तुलना में Gaokao 
भारत में UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) और JEE (जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम) को भी दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इन दोनों परीक्षाओं के परिणामों के बाद ही छात्रों के करियर की दिशा तय होती है। हालांकि, Gaokao  की तुलना में इन परीक्षाओं की कठिनाई का स्तर कुछ कम हो सकता है, लेकिन ये भी भारतीय छात्रों के लिए बड़ी चुनौती प्रस्तुत करती हैं। UPSC परीक्षा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), और अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए उम्मीदवारों को तीन चरणों—प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार—से गुजरना होता है। हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा में भाग लेते हैं, लेकिन सफलता दर केवल 0.1% के आसपास होती है। इसके अलावा, JEE परीक्षा भी भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ी चुनौती है, जहां लाखों छात्रों में से कुछ ही छात्र IIT (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला ले पाते हैं। हालांकि, Gaokao में प्रतिस्पर्धा और चयन का स्तर सबसे ऊंचा है, और इसके परिणाम छात्रों के जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं। इसके मुकाबले, भारत की UPSC परीक्षा की कठिनाई का पैमाना अलग हो सकता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से सरकारी सेवाओं में भर्ती के लिए होती है, जबकि Gaokao का संबंध सीधे उच्च शिक्षा से है।

Gaokao के साथ छात्र जीवन की चुनौतियाँ
चीन में Gaokao की तैयारी करते हुए छात्रों को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। 12वीं कक्षा के बाद यह परीक्षा छात्रों के लिए एकमात्र विकल्प बन जाती है, और इसे जीवन-मरण का सवाल माना जाता है। इसके अलावा, परीक्षा के परिणामों पर परिवारों का भी बहुत दबाव होता है, जिससे छात्र मानसिक रूप से थक जाते हैं। छात्रों को इस परीक्षा के लिए लगभग एक साल पहले से ही गहन तैयारी शुरू करनी होती है, और कुछ छात्र तो कई सालों तक खुद को पूरी तरह से इस परीक्षा के लिए समर्पित कर देते हैं। परीक्षा के दौरान उन्हें न केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना होता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होता है कि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें।

Gaokao , दुनिया की सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण परीक्षा के रूप में पहचानी जाती है, जिसमें छात्रों की न केवल अकादमिक क्षमता का परीक्षण होता है, बल्कि उनकी मानसिक और शारीरिक सहनशक्ति भी परखी जाती है। दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक चीन में इस परीक्षा का महत्व अतुलनीय है, और इसके परिणामों से छात्रों का भविष्य तय होता है। जबकि भारत में UPSC और JEE जैसी परीक्षाएं भी अत्यंत कठिन मानी जाती हैं, Gaokao की कठिनाई और प्रतिस्पर्धा इन सभी से कहीं ज्यादा है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!