पंजाब में आधार का दायरा बढ़ाना

Edited By Archna Sethi,Updated: 04 Jul, 2024 09:32 PM

expanding aadhaar coverage in punjab

पंजाब में आधार का दायरा बढ़ाना


चंडीगढ़, 4 जुलाई:(अर्चना सेठी) पंजाब राज्य में आधार के प्रभाव को अधिक से अधिक बढ़ाने के उद्देश्य के साथ, यूआईडीएआई के क्षेत्रीय दफ़्तर, चंडीगढ़ ने आज सफलतापूर्वक एक वर्कशाप का आयोजन किया। इसका उद्घाटन विशेष मुख्य सचिव-कम- डायरैक्टर जनरल मगसीपा श्री अनिरुद्ध तिवारी ने श्रीमती भावना गर्ग डी.डी.जी.यू.आई.डी.ए.आई., आर.ओ. चंडीगढ़ की उपस्थिति में महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन ( मगसीपा) में किया। इस दौरान आधार के अधिक से अधिक दायरे, और प्रभाव को यकीनी बनाने के मद्देनजऱ आधार की कार्य प्रणाली, प्रामाणिकता की प्रक्रिया और इसका प्रयोग सम्बन्धित मामलों पर अलग- अलग प्रस्तुतीकरण दिया गया।

वर्कशाप में सामाजिक सुरक्षा, स्त्री एंव बाल विकास के डायरैक्टर-कम- विशेष सचिव डा. शेना अग्रवाल, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायतें विभाग के डायरैक्टर गिरिश दिआलन सहित अलग- अलग सरकारी विभागों के 60 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस समागम में यूआईडीएआई और पंजाब के प्रशासकीय ढांचे के साथ सम्बन्धित प्रमुख शख़्सियतों के नेतृत्व में गहरी विचार- चर्चा की गई। वर्कशाप में पंजाब में आधार की इनरोलमैंट और वैरीफिकेशन को आगे बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया गया।

भावना गर्ग, डी.डी.जी.यू.आई.डी.ए.आई. ने बच्चों के नामांकण (इनरोलमैंट) के लिए अलग- अलग विभागों के एकीकरण की महत्ता को उभारा, जिसमें स्वास्थ्य विभाग को चाइल्ड इनरोलमैंट टेबलेट प्रदान करना और स्कूलों एंव स्त्री और बाल विकास विभाग को नामांकण किटों के साथ लैस करना शामिल है। बालिग़ों के लिए, सख़्त फील्ड वैरीफिकेशन प्रक्रिया लागू की गई है।  गर्ग ने यह भी व्यक्त किया कि आधार पर प्रामाणिकता की जांच करने के लिए क्यूआर कोड का प्रयोग किया जा सकता है।

 संजीव महाजन, डायरैक्टर, यू.आई.डी.ए.आई. ने उचित शासन और जीवन की सुविधा के लिए आधार के सिद्धांतों और कार्य प्रणाली, प्रामाणिकता और प्रयोग के मामलों की एक व्यापक जानकारी भी पेश की।

उनके सैशन के बाद जगदीश कुमार डायरैक्टर, यू.आई.डी.ए.आई.,आर. ओ चंडीगढ़ के डिप्टी डायरैक्टर आशुतोष कौशिक ने आधार प्रामाणिकता के अहम पहलुओं और इस सम्बन्धित प्रक्रिया पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया, जो पंजाब भर में सुरक्षित और भरोसेमन्द सेवा प्रदान करने को यकीनी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

वर्कशाप की समाप्ति दौरान श्रीमती गर्ग ने आधार एक्ट के सैक्शन 7 और 4 (4) ( बी) 2 जैसे कानूनी ढांचो की महत्ता के बारे जानकारी दी। श्री अनिरुद्ध तिवाड़ी ने कहा,‘ ‘ व्यवहारिक तौर पर लागू करने सम्बन्धित रणनीतियों को कानूनी ढांचे के साथ एकसमान करके, हम यह यकीनी बना रहे है कि आधार शासन और कल्याण के लिए एक मज़बूत और बढिया साधन के तौर पर काम करता रहे’’।

 

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