Edited By Tanuja,Updated: 17 Aug, 2024 12:39 PM
रूस और यूक्रेन के बीच भीषण लड़ाई जारी है। हाल ही में यूक्रेन की सेना ने रूस के 10 किमी अंदर तक घुसपैठ कर पहली बार एक कस्बे...
International Desk: रूस और यूक्रेन के बीच भीषण लड़ाई जारी है। हाल ही में यूक्रेन की सेना ने रूस के 10 किमी अंदर तक घुसपैठ कर पहली बार एक कस्बे पर कब्जा कर लिया है। यह स्थिति रूस के लिए दूसरे विश्वयुद्ध के बाद की सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है। इस बीच, खबरें आ रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार यूक्रेन की यात्रा पर जा सकते हैं। उनकी यात्रा के बारे में चर्चा के दौरान रक्षा विशेषज्ञों ने इसे गलत समय पर लिया गया फैसला बताया है।
रक्षा मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन जाने से बचने और पड़ोसी देशों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में अभी की स्थिति को देखते हुए पीएम मोदी की कीव यात्रा उपयुक्त नहीं होगी। चेलानी ने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत के बीच करीबी संबंध होने के बावजूद, वॉशिंगटन के कई कदम भारत के हितों के खिलाफ हो सकते हैं। उन्होंने बांग्लादेश में हुए हालिया सत्ता परिवर्तन का हवाला देते हुए कहा कि यह घटना भारत के लिए खतरे की घंटी है। मीडिया रिपोर्टों पर टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने शुक्रवार को कहा, "हम शीघ्र ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और आपको इसके बारे में अधिक जानकारी देंगे।"
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की यह अनुमानित यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी, जिसे व्यापक रूप से संतुलन बनाने के प्रयास के रूप में देखा जाएगा । मीडिया रिपोर्टों में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि प्रधानमंत्री के पोलैंड के रास्ते कीव जाने की संभावना है। चीन के अलावा, भारत एकमात्र प्रमुख देश है जिसने यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की स्पष्ट रूप से निंदा नहीं की है। जबकि युद्ध पर भारत की स्थिति को कई लोगों ने रूस समर्थक तटस्थता के रूप में देखा है, भारत ने फरवरी 2022 में आक्रमण की शुरुआत से ही यह सुनिश्चित किया है कि वह संघर्ष को हल करने में बातचीत और कूटनीति के महत्व पर जोर देने के लिए दोनों पक्षों तक पहुँचने में सक्षम होना चाहता है।
उधर, अमेरिका ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने के भारत के प्रयासों का स्वागत किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। यूक्रेनी सेना द्वारा रूस के सुदझा कस्बे पर कब्जा करने के बाद रूस ने बड़ा पलटवार शुरू कर दिया है। रूस की सेना ने कई इलाकों को फिर से अपने नियंत्रण में लेने का दावा किया है। यह पहली बार है जब रूस की जमीन पर किसी विदेशी सेना ने कब्जा किया है। इस घटना को रूस के राष्ट्रपति पुतिन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, और इससे रूस-यूक्रेन युद्ध में तनाव और बढ़ सकता है।