Edited By Utsav Singh,Updated: 24 Sep, 2024 09:20 PM
तिरुपति के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी के कथित इस्तेमाल का विवाद बढ़ता जा रहा है। इस बीच, श्री वेंकटेश्वर मंदिर में लड्डू की बिक्री पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। पिछले चार दिनों में 14 लाख से अधिक तिरुपति लड्डू बेचे गए हैं, जो प्रतिदिन 3.50 लाख...
आंध्र प्रदेश : तिरुपति मंदिर के प्रसाद लड्डू बनाने में कथित तौर पर चर्बी के उपयोग को लेकर विवाद चल रहा है। हालांकि, इस विवाद के बावजूद भक्तों की आस्था ने इसे पीछे छोड़ दिया है। सिर्फ चार दिनों में ही भक्तों ने 14 लाख लड्डू खरीद लिए, जो इस बात का प्रमाण है कि उनकी श्रद्धा में कोई कमी नहीं आई है। यह स्थिति तिरुपति लड्डू की मांग को दर्शाती है और भक्तों के अडिग विश्वास को दर्शाती है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, पिछले चार दिनों में 14 लाख से अधिक तिरुपति लड्डू बेचे गए हैं, जो प्रतिदिन 3.50 लाख लड्डुओं के औसत से मेल खाता है।
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लड्डू बनाने की प्रक्रिया
तिरुपति लड्डू का निर्माण प्रतिदिन 3 लाख से अधिक की मात्रा में किया जाता है। इसके मुख्य सामग्री में बंगाल चना का बेसन, गाय का घी, चीनी, काजू, किशमिश और बादाम शामिल होते हैं। हर दिन 15,000 किलो गाय का घी इस बेशकीमती प्रसाद को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। यह विशेष लड्डू अपने स्वाद और भक्तों की आस्था के कारण बेहद लोकप्रिय हैं।
बिक्री के आंकड़े
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19 सितंबर 2024: 3.59 लाख लड्डू
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20 सितंबर 2024: 3.17 लाख लड्डू
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21 सितंबर 2024: 3.67 लाख लड्डू
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22 सितंबर 2024: 3.60 लाख लड्डू
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राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा तिरुपति लड्डुओं के लिए इस्तेमाल किए गए घी में जानवरों की चर्बी होने का आरोप लगाने के बाद यह मुद्दा गहराता जा रहा है। राज्य सरकार ने इस विवाद की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है। पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, जिनकी पार्टी हाल के चुनावों में हार गई थी, ने नायडू पर धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने नायडू को "विकृत और आदतन झूठा" बताया और कहा कि लड्डू बनाने के लिए घी की निविदा प्रक्रिया हर छह महीने में होती है, जिसमें सख्त मानदंड लागू होते हैं।
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विवाद पर भारी पड़ी आस्था
जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं को एनएबीएल प्रमाणपत्र और उत्पाद गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्रदान करना होता है। टीटीडी (तिरुपति तिरुमला देवस्थानम) घी के नमूने एकत्र करता है और केवल उन उत्पादों का उपयोग किया जाता है जो प्रमाणीकरण में सफल होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि टीडीपी धार्मिक मुद्दों का राजनीतिकरण कर रही है। लड्डू विवाद ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, लेकिन भक्तों का विश्वास अडिग है। कई भक्त इसे "अतीत की बात" मानते हैं और तिरुपति लड्डू की मांग लगातार बनी हुई है।