Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Nov, 2024 08:32 AM
सरकारी कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनके परिवार को आर्थिक मदद के रूप में हर महीने फैमिली पेंशन दी जाती है। यह पेंशन केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के अनुसार मृतक कर्मचारी के पात्र परिवारजनों को दी जाती है। केंद्रीय सिविल सेवा का नियम 54 एक...
नेशनल डेस्क: सरकारी कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनके परिवार को आर्थिक मदद के रूप में हर महीने फैमिली पेंशन दी जाती है। यह पेंशन केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के अनुसार मृतक कर्मचारी के पात्र परिवारजनों को दी जाती है। केंद्रीय सिविल सेवा का नियम 54 एक सोशल वेलफेयर स्कीम है, जिसके तहत सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके जीवनसाथी, माता-पिता, बच्चों, और विकलांग भाई-बहनों को पेंशन मिलती है।
पेंशन पाने के पात्र सदस्य:
पेंशन नियम 54 के तहत निम्नलिखित लोग फैमिली पेंशन के हकदार माने गए हैं:
- मृतक कर्मचारी का जीवनसाथी (पति या पत्नी)
- मृतक के माता-पिता
- बच्चे
- विकलांग भाई-बहन
बेटी की क्या है पात्रता:
मृतक कर्मचारी की बेटी कुछ विशेष परिस्थितियों में फैमिली पेंशन की हकदार होती है:
- अविवाहित बेटी तब तक पेंशन के लिए पात्र रहती है जब तक उसकी शादी नहीं हो जाती या वह खुद से कमाई शुरू नहीं करती।
- विधवा या तलाकशुदा बेटी जीवनभर फैमिली पेंशन पाने की हकदार हो सकती है, बशर्ते कर्मचारी ने नामांकन फॉर्म 4 में उसका नाम दिया हो।
- विकलांग बेटी को जीवनभर या 25 वर्ष तक फैमिली पेंशन मिल सकती है।
अन्य विशेष नियम:
- अगर माता-पिता दोनों सरकारी कर्मचारी थे, तो बेटी को दो पेंशन मिलने की पात्रता होती है, लेकिन यह राशि ₹1,25,000 प्रति माह से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- जुड़वां बहनों के मामले में पेंशन की राशि बराबर बाँटी जाती है।
- अविवाहित बेटी सबसे बड़ी संतान होने पर माता-पिता के न रहने पर फैमिली पेंशन की हकदार होती है।
- यदि मृतक कर्मचारी ने गोद ली हुई बेटी का नामांकन नहीं किया है, तो उसे फैमिली पेंशन देने से इनकार किया जा सकता है।
सरकारी नियमों के अनुसार, यह फैमिली पेंशन न केवल आर्थिक मदद का स्रोत है बल्कि उन परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है, जिनका आश्रित सदस्य असमय मृत्यु का शिकार हो गया हो।