Edited By Rahul Rana,Updated: 20 Apr, 2025 12:59 PM
महाराष्ट्र के परभणी जिले में एक युवा किसान दंपति द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार की "किसान विरोधी" नीतियों...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के परभणी जिले में एक युवा किसान दंपति द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार की "किसान विरोधी" नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
घटना का विवरण:
परभणी के मालसोन्ना गांव के रहने वाले सचिन बालाजी जाधव और उनकी सात महीने की गर्भवती पत्नी ज्योत्सना सचिन जाधव ने कथित तौर पर आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर ली।यह घटना कृषि उत्पादों की गिरती कीमतों और बढ़ते कर्ज के बोझ के बीच हुई है, जिससे किसान समुदाय में निराशा और हताशा का माहौल है।
कांग्रेस का आरोप:
➤ हर्षवर्धन सपकाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि "हत्या" है।
➤ उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा कृषि ऋण माफी के "झूठे वादे" ने कर्ज में डूबे किसानों को और भी निराश किया है।
➤ सपकाल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार पर किसानों के साथ "धोखा" करने का आरोप लगाया।
➤ कांग्रेस नेता ने सरकार की नीतियों की कड़ी निंदा की और किसानों की जान लेने के लिए सरकार को दोषी ठहराया।
किसानों की स्थिति:
➤ महाराष्ट्र में किसान लंबे समय से सूखे, फसल की बर्बादी और गिरती कीमतों जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
➤ कर्ज का बढ़ता बोझ कई किसानों को आत्महत्या जैसे चरम कदम उठाने के लिए मजबूर कर रहा है।
➤ किसानों के लिए कृषि ऋण माफी और अन्य सरकारी सहायता योजनाओं का कार्यान्वयन एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
➤ इस घटना ने विपक्षी दलों को सरकार पर हमला करने का एक और मौका दिया है।
➤ विपक्षी नेताओं ने सरकार से किसानों की समस्याओं का तत्काल समाधान करने की मांग की है।
➤ इस घटना ने महाराष्ट्र में किसानों की दुर्दशा और राज्य सरकार की कृषि नीतियों पर बहस को फिर से शुरू कर दिया है।