Edited By Rahul Singh,Updated: 02 Dec, 2024 01:34 PM
दिल्ली कूच करने पर प्रर्दशन कर रहे किसान अड़ गए हैं। उन्होंने सुरक्षा का घेरा तोड़ते हुए दिल्ली को अपने कदम बढ़ा लिए हैं। इसके चलते ग्रेटर नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता बंद हो गया है। ग्रेटर नोएडा और दिल्ली बाॅर्डर पर भारी सुरक्षा तैनात की गई है।
नैशनल डैस्क : दिल्ली कूच करने पर प्रर्दशन कर रहे किसान अड़ गए हैं। उन्होंने सुरक्षा का घेरा तोड़ते हुए दिल्ली को अपने कदम बढ़ा लिए हैं। इसके चलते ग्रेटर नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता बंद हो गया है। ग्रेटर नोएडा और दिल्ली बाॅर्डर पर भारी सुरक्षा तैनात की गई है।
इस समय चिल्ला बॉर्डर, यूपी गेट और महामाया फ्लाइओवर पर भारी जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है, क्योंकि किसान आंदोलन के चलते इन प्रमुख रास्तों पर यातायात प्रभावित हो रहा है। यह आंदोलन 27 नवंबर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर शुरू हुआ था, और इसके बाद 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना प्राधिकरण पर धरना और प्रदर्शन हुआ। अब इस आंदोलन का तीसरा और अंतिम चरण 2 दिसंबर को शुरू हो रहा है, जब किसान दिल्ली कूच करेंगे और संसद सत्र के दौरान प्रदर्शन करेंगे।
वहीं पुलिस ने नोएडा में दलित प्रेरणा स्थल पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं, ताकि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच सड़क को अवरुद्ध किया जा सके क्योंकि उत्तर प्रदेश के किसान आज से दिल्ली की ओर मार्च शुरू कर रहे हैं।
क्यों हो रहा है आंदोलन?
इस आंदोलन में 40,000 से 45,000 किसान शामिल हो सकते हैं, जो यूपी के विभिन्न जिलों जैसे गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा और अन्य क्षेत्रों से दिल्ली कूच करने के लिए जा रहे हैं। यह मार्च 14 किसान संगठनों द्वारा बुलाया गया है, जो अपनी मांगों को लेकर संसद सत्र के दौरान दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे।
किसान नेताओं का कहना है कि यह आंदोलन उनके अधिकारों और कृषि से जुड़ी समस्याओं को लेकर है, जिनका समाधान वे केंद्र सरकार से चाहते हैं। किसान संगठनों ने अपने सदस्य किसानों से इस मार्च में भाग लेने की अपील की है, जिससे यह आंदोलन और भी बड़े पैमाने पर देखने को मिल सकता है।
किसानों की यह प्रमुख मांगें हैं:
पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा: किसान चाहते हैं कि पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10% प्लॉट और 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए।
1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर मुआवजा: जिन किसानों की भूमि 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित की गई है, उन्हें बाजार दर पर चार गुना मुआवजा और 20% प्लॉट देने की मांग की जा रही है।
भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास: भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास का लाभ दिया जाए, ताकि उन्हें बेहतर अवसर मिल सकें।
हाई पावर कमेटी द्वारा पास किए गए मुद्दों पर सरकारी आदेश: किसान यह चाहते हैं कि हाई पावर कमेटी द्वारा जो मुद्दे पास किए गए हैं, उन पर सरकार द्वारा जल्द से जल्द आदेश जारी किए जाएं।
आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण: किसान चाहते हैं कि आबादी क्षेत्रों का उचित और प्रभावी निस्तारण किया जाए, ताकि उनकी जीवनशैली और आजीविका पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े।