Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Mar, 2025 08:24 AM

पिछले एक साल से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे किसानों का मोर्चा अब अतीत बन चुका है। बुधवार को पंजाब पुलिस ने एक सुव्यवस्थित अभियान के तहत धरना स्थलों को खाली कराया, बैरिकेड्स हटाए और अस्थायी ढांचों को गिरा दिया। इस कार्रवाई के बाद 3 महीने से बंद...
नेशनल डेस्क: पिछले एक साल से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे किसानों का मोर्चा अब अतीत बन चुका है। बुधवार को पंजाब पुलिस ने एक सुव्यवस्थित अभियान के तहत धरना स्थलों को खाली कराया, बैरिकेड्स हटाए और अस्थायी ढांचों को गिरा दिया। इस कार्रवाई के बाद 3 महीने से बंद हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर को खोलना शुरू किया गया। किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत के अनुसार, सरवण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को मोहाली में हिरासत में लिया गया है। वहीं, बुधवार देर रात डेढ़ बजे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को जालंधर के पिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बुधवार को दिन में किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। इसके तुरंत बाद पुलिस ने अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवण सिंह पंधेर को हिरासत में ले लिया। इसमें 700 से ज्यादा किसानों को हिरासत में ले लिया गया। बैठक के दौरान पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों ने किसानों से हाईवे खोलने की अपील की, यह कहते हुए कि सड़क बंद होने से आम जनता को भारी परेशानी हो रही है।
खनौरी बॉर्डर को रात आठ बजे तक पूरी तरह साफ कर दिया गया, जबकि शंभू बॉर्डर पर ढांचे हटाने का काम देर रात तक चलता रहा। पुलिस ने किसानों के मंचों को गिरा दिया, वहां लगी ट्यूबलाइटें, पंखे और अस्थायी ढांचे हटाए गए। वहीं नाराज किसानों ने दिल्ली-अमृतसर हाइवे पर टोल प्लाजा को जाम कर दिया। उनका आरोप है कि कारोबारियों की मांग पर पंजाब पुलिस ने हाइवे को खोला है। गौरतलब है कि 13 फरवरी 2024 से किसानों का शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना शुरू था। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग कर इस रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया था, जिससे आम जनता को आवाजाही में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।