Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Mar, 2025 12:33 PM

1 अप्रैल से महाराष्ट्र में FASTag या ई-टैग का उपयोग अनिवार्य हो जाएगा। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) द्वारा संचालित सभी टोल प्लाजा पर यह नियम लागू होगा। हालांकि, यदि कोई यात्री FASTag का उपयोग नहीं करता है, तो वह नकद, कार्ड या UPI के...
नेशनल डेस्क: 1 अप्रैल से महाराष्ट्र में FASTag या ई-टैग का उपयोग अनिवार्य हो जाएगा। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) द्वारा संचालित सभी टोल प्लाजा पर यह नियम लागू होगा। हालांकि, यदि कोई यात्री FASTag का उपयोग नहीं करता है, तो वह नकद, कार्ड या UPI के माध्यम से टोल शुल्क चुका सकता है, लेकिन इसके लिए उसे डबल भुगतान करना होगा। इस बदलाव को लेकर MSRDC ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट में FASTag को लेकर दायर जनहित याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि 1 अप्रैल से सभी वाहन मालिकों के लिए FASTag का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। MSRDC के एक अधिकारी ने बताया कि टोल संचालन को अधिक सुगम बनाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। जो यात्री 1 अप्रैल से FASTag का उपयोग नहीं करेंगे, उन्हें अतिरिक्त भुगतान करना होगा, जबकि जिनके पास FASTag होगा, उन्हें सामान्य शुल्क ही देना होगा।
कौन सी गाड़ियाँ रहेंगी छूट के दायरे में?
नए नियम के तहत, केवल हल्की गाड़ियों, राज्य परिवहन बसों और स्कूल बसों को टोल शुल्क में छूट दी जाएगी। अन्य सभी गाड़ियों को डबल भुगतान करना पड़ेगा यदि वे नकद, कार्ड या UPI से टोल का भुगतान करती हैं। MSRDC के तहत मुंबई में एंट्री प्वाइंट्स जैसे दहिसर, मुलुंड पश्चिम, मुलुंड पूर्व, ऐरोली और वाशी पर यह नियम लागू होगा। इसके अलावा, बांद्रा-वर्ली सी लिंक, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, और अन्य प्रमुख एक्सप्रेसवे पर भी 1 अप्रैल से FASTag से भुगतान अनिवार्य हो जाएगा।
क्या है FASTag?
FASTag एक रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जिसे वाहन पर चिपकाया जाता है। टोल प्लाजा पर आते ही यह स्वचालित रूप से लिंक्ड खाते से टोल शुल्क काट लेता है, जिससे वाहन मालिक को टोल के लिए रुकने की जरूरत नहीं पड़ती।