Edited By rajesh kumar,Updated: 07 Jan, 2025 02:27 PM

यूपी की राजधानी लखनऊ में तीन साल पहले कूड़े के ढेर में पड़ा एक बच्चा अब अपनी नई जिंदगी शुरू करने के लिए अमेरिका जा रहा है। अमेरिका की एक बड़ी कंपनी के सीईओ ने उस बच्चे को गोद लिया है और अब उसकी कानूनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
नेशनल डेस्क: यूपी की राजधानी लखनऊ में तीन साल पहले कूड़े के ढेर में पड़ा एक बच्चा अब अपनी नई जिंदगी शुरू करने के लिए अमेरिका जा रहा है। अमेरिका की एक बड़ी कंपनी के सीईओ ने उस बच्चे को गोद लिया है और अब उसकी कानूनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्रशासन से भी अनुमति मिल चुकी है और अब बच्चे का पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया चल रही है। पासपोर्ट मिलने के बाद, वह जल्द ही अमेरिका पहुंच जाएगा, जहां उसकी पढ़ाई-लिखाई और बाकी सब कुछ होगा।
क्या है बच्चे की कहानी?
इस बच्चे का नाम विवेक (बदला हुआ नाम) है। तीन साल पहले, जब वह महज एक छोटा बच्चा था, उसे कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया था। उस समय उसकी हालत बहुत ही खराब थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कूड़े के ढेर से उसे शिशु संरक्षण गृह में भेजा गया और अब वह अमेरिका जा रहा है।
कैसे हुआ विवेक का गोद लेना?
विवेक को गोद लेने के लिए एक अमेरिकी परिवार ने आवेदन किया था। इस परिवार के पिता अमेरिका की एक बड़ी कंपनी के सीईओ हैं और उन्होंने अपनी पत्नी के साथ कई बार लखनऊ आकर विवेक के बारे में जानकारी हासिल की। इसके बाद, उन्होंने विवेक को गोद लेने का फैसला किया।
पिछले हफ्ते विवेक को गोद देने की कानूनी सुनवाई लखनऊ के एडीएम कार्यालय में हुई, जिसमें अमेरिकी दंपति भी शामिल थे। अब सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं और आदेश जारी कर दिया गया है। विवेक का पासपोर्ट बनवाने का काम चल रहा है। पासपोर्ट बनने के बाद, वह अमेरिका के लिए उड़ान भरेंगे।
अमेरिकी दंपति का कहना है
अमेरिकी दंपति का कहना है कि उनके दो मुख्य उद्देश्य हैं- एक तो विवेक को एक परिवार मिल जाएगा और दूसरा, उनके बेटे को एक नया भाई मिलेगा। विवेक के गोद लिए जाने के बाद उनके परिवार में एक नए सदस्य का स्वागत होगा।
नए जीवन की शुरुआत
विवेक के लिए यह एक नया और उज्जवल भविष्य है, जहां उसे अच्छे संस्कार, शिक्षा और जीवन की सभी सुख-सुविधाएं मिलेंगी। तीन साल पहले जिस बच्चे को कूड़े के ढेर में छोड़ दिया गया था, वह अब अमेरिका में एक सुखी और सुरक्षित जीवन की ओर बढ़ रहा है। अब विवेक का जीवन पूरी तरह बदलने वाला है और उसकी कहानी दूसरों के लिए एक प्रेरणा बन गई है।