Edited By Tanuja,Updated: 29 Jun, 2024 01:39 PM
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वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF ) ने शुक्रवार को सिंगापुर में हुई अपनी पूर्ण बैठक के दौरान धन शोधन पर भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट...
इंटरनेशनल डेस्कः वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF ) ने शुक्रवार को सिंगापुर में हुई अपनी पूर्ण बैठक के दौरान धन शोधन पर भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट को स्वीकार किया और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ इसकी कार्रवाई की प्रशंसा की। सरकार ने इस कदम की सराहना करते हुए इसे ‘‘एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर'' बताया है। तीन दिवसीय पूर्ण बैठक के अंत में अपने संक्षिप्त बयान में एफएटीएफ ने कहा है कि भारत अपने मानदंडों के साथ ‘तकनीकी अनुपालन' के उच्च स्तर पर पहुंच गया है और धनशोधन एवं आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ भारत की कोशिशों के बढ़िया नतीजे आ रहे हैं। हालांकि, एफएटीएफ ने कहा कि भारत को धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के मुकदमों की सुनवाई पूरी करने में होने वाली देरी का समाधान करने की जरूरत है। इसने कहा कि ‘‘गुणवत्ता एवं निरंतरता समीक्षा'' पूरी होने के बाद देश के संबंध में अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, ‘नियमित फॉलोअप' श्रेणी से संकेत मिलता है कि भारत को अनुशंसित कार्यों पर अक्टूबर 2027 में प्रगति रिपोर्ट पेश करने की जरूरत है। वहीं ‘अधिक फॉलोअप' श्रेणी में शामिल देशों को हर साल आगे की कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट पेश करनी होती है। पेरिस मुख्यालय वाला एफएटीएफ धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई का नेतृत्व करता है। नवीनतम निर्णय 26-28 जून को FATF की पूर्ण बैठक के अंत में सार्वजनिक किये गये। भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व केंद्रीय वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के प्रभारी निदेशक विवेक अग्रवाल ने किया। नयी दिल्ली में, वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि FATF द्वारा भारत का सकारात्मक मूल्यांकन धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के देश के प्रयासों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
मंत्रालय ने कहा कि FATF पारस्परिक मूल्यांकन में भारत का प्रदर्शन बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिहाज से खासा अहम है, क्योंकि यह वित्तीय प्रणाली की समग्र स्थिरता और अखंडता को दर्शाता है। FATF दिशानिर्देशों के अंतर्गत भारत का पारस्परिक मूल्यांकन पिछली बार 2010 में किया गया था। इस मूल्यांकन का मकसद किसी देश की वित्तीय अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कानून और नीति बनाने तथा उन्हें लागू करने की क्षमता की पड़ताल करना है। एफएटीएफ ने यह भी कहा है कि भारत को कुछ गैर-वित्तीय क्षेत्रों में निवारक कदमों के पर्यवेक्षण और कार्यान्वयन को मजबूत करने की जरूरत है।
इसने कहा कि भारत को धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित मुकदमों को अंजाम तक पहुंचाने में होने वाली देरी को दूर करने की जरूरत है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि FATF पारस्परिक मूल्यांकन में भारत का प्रदर्शन बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिहाज से खासा अहम है, क्योंकि यह वित्तीय प्रणाली की समग्र स्थिरता और अखंडता को दर्शाता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अच्छी रेटिंग से वैश्विक वित्तीय बाजारों और संस्थानों तक बेहतर पहुंच होगी और निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। यह भारत की त्वरित भुगतान प्रणाली यूपीआई के वैश्विक विस्तार में भी मदद करेगा।'' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि एफएटीएफ ने भारत के लिए अच्छा और शानदार परिणाम दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह इस मायने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।''