Edited By Radhika,Updated: 28 Mar, 2025 06:30 PM

भारत की संघीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ने सलाह दी है कि सभी AI ऐप सुरक्षित नहीं हैं और इनके लिए ‘साइन अप' करने वाले उपयोगकर्ताओं को एक ऐसे अनाम खाते का उपयोग करने पर विचार करना चाहिए, जो उनकी व्यक्तिगत या व्यावसायिक पहचान से जुड़ा न हो।
नेशनल डेस्क : भारत की संघीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ने सलाह दी है कि सभी AI ऐप सुरक्षित नहीं हैं और इनके लिए ‘साइन अप' करने वाले उपयोगकर्ताओं को एक ऐसे अनाम खाते का उपयोग करने पर विचार करना चाहिए, जो उनकी व्यक्तिगत या व्यावसायिक पहचान से जुड़ा न हो। भारतीय इंटरनेट क्षेत्र की सुरक्षा और साइबर हमलों से निपटने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी शाखा, भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन) ने अपने परामर्श में एआई डिजाइन, उसके प्रशिक्षण और इंटरेक्शन तंत्र में ‘जोखिमों' को रेखांकित किया है। नवीनतम परामर्श में जिन "जोखिमों" की बात की गई है, उनमें डेटा पाइजनिंग, एडवर्सियल अटैक, मॉडल व्युत्क्रमण जैसे तकनीकी मुद्दे शामिल हैं।
‘पीटीआई-भाषा' को प्राप्त परामर्श में कहा गया है, ‘‘सभी एआई ऐप सुरक्षित नहीं हैं।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई, नवाचार की पहचान बन गया है, जिसने स्वास्थ्य सेवा से लेकर संचार तक के उद्योगों में क्रांति ला दी है और इसका उपयोग पारंपरिक रूप से मनुष्यों द्वारा किए जाने वाले कार्यों को संभालने के लिए तेजी से किया जा रहा है। परामर्श में कहा गया, ‘‘जैसे-जैसे एआई अधिक उन्नत होता जा रहा है, उससे जुड़े जोखिम भी बढ़ रहे हैं।
‘डेटा प्रोसेसिंग' और ‘मशीन लर्निंग मॉडल' में खामियों का फायदा उठाते हुए एआई एप्लीकेशन को निशाना बनाकर कई हमले किए जा रहे हैं। परामर्श में कहा गया है, ‘‘ये हमले विभिन्न क्षेत्रों में एआई ऐप की सुरक्षा, विश्वसनीयता और विश्वस्तता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि अवांछित तत्व एआई ऐप की बढ़ती मांग का फायदा उठाकर फर्जी ऐप बना सकते हैं और उपयोगकर्ताओं को धोखे देकर इन्हें डाउनलोड कराया जा सकता है। परामर्श में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने डिवाइस पर इन नकली एआई ऐप को डाउनलोड करता है तो इससे उसका सभी डेटा चुराने को लेकर बनाए गए 'मैलवेयर' के 'इंस्टॉल' होने की संभावना बढ़ जाती है।
परामर्श में एआई साइबर सुरक्षा जोखिम को न्यूनतम करने के लिए उपयोगकर्ताओं से 'डाउनलोड' बटन पर क्लिक करने से पहले उचित सावधानी बरतने को कहा गया है। एजेंसी ने एआई उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचने की सलाह दी है, क्योंकि डेटा एकत्र किया जाता है और सेवा प्रदाता द्वारा अपने मॉडल को बेहतर बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। परामर्श में कहा गया है कि एआई सेवाओं के लिए 'साइन इन' करते समय उपयोगकर्ताओं को एक ऐसे अनाम खाते का उपयोग करने पर विचार करना चाहिए जो उनकी व्यक्तिगत या व्यावसायिक पहचान से जुड़ा न हो। सीईआरटी-इन ने कहा है कि इससे निजता की सुरक्षा और डेटा में सेंधमारी को रोकने में मदद मिलेगी।