महिला कलाकार ने महाकुंभ के लिए 'राम नाम' से अमृत कलश की बनाई पेंटिंग, divinity और grandeur का प्रतीक

Edited By Mahima,Updated: 07 Jan, 2025 11:22 AM

female artist made a painting of amrit kalash with  ram name  for maha kumbh

महाकुंभ 2025 के लिए महिला कलाकार प्रतिभा पांडे ने "राम" शब्द से अमृत कलश की एक अद्भुत पेंटिंग बनाई है, जो इस पवित्र आयोजन की दिव्यता और भव्यता को दर्शाती है। इस पेंटिंग को बनाने में उन्हें कई दिन लगे। वहीं, महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और...

नेशनल डेस्क: प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ मेले की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं, और उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधाओं और स्वास्थ्य से जुड़ी व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया है। महाकुंभ, जो भारतीय धर्म और संस्कृति का एक अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन है, 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा, और इस बार इस महापर्व के आयोजकों ने इसे और भी खास और भव्य बनाने के लिए कई नवाचारों का पालन किया है। एक महिला कलाकार द्वारा बनाई गई एक अद्वितीय पेंटिंग, जो महाकुंभ के अमृत कलश को दर्शाती है, इस महाकुंभ की दिव्यता और आध्यात्मिकता को और भी गहरा करती है।

महाकुंभ के अमृत कलश का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि यह त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी का संगम) के पवित्र जल से भरा जाता है। यह कलश महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा किए जाने वाले पवित्र स्नान का प्रतीक है, और इसे लेकर भक्तों में विशेष श्रद्धा होती है। इसी पवित्रता और महत्व को ध्यान में रखते हुए, महिला कलाकार प्रतिभा पांडे ने एक बेहद अद्भुत और अनोखी पेंटिंग बनाई है, जिसमें उन्होंने "राम" शब्द को बार-बार उकेर कर अमृत कलश का रूप दिया है। प्रतिभा पांडे की इस कला में उन्होंने "राम" शब्द को बार-बार लिखकर कलश के आकार का निर्माण किया है, जो न केवल आध्यात्मिक रूप से प्रेरित है, बल्कि इसके माध्यम से वह महाकुंभ के पवित्र आयोजन को और भी दिव्य बनाना चाहती थीं। पांडे का मानना है कि इस तरह के शब्दों का उकेरा जाना कला से ज्यादा एक साधना है, और यह पेंटिंग उन्हें अपने आंतरिक ध्यान और भक्ति से मिली प्रेरणा का परिणाम है। 

प्रतिभा पांडे ने इस पेंटिंग के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें बहुत समय लगा और यह उनके लिए एक साधना जैसा अनुभव था। उन्होंने कहा, "राम का नाम लिखना मेरे लिए केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक ध्यान का तरीका है। यह मेरी आंतरिक शांति और भक्ति का हिस्सा है।" पांडे ने इस पेंटिंग को बनाने में कई दिन लगाए, और उन्होंने बताया कि उन्होंने इसका हिसाब नहीं रखा कि कुल कितनी बार "राम" का नाम उकेरा गया है, क्योंकि यह उनके लिए कोई साधारण काम नहीं था, बल्कि यह एक ध्यान की प्रक्रिया थी। इस पेंटिंग में "राम" का नाम इतने बार उकेरा गया है कि यह न केवल एक धार्मिक प्रतीक बन गया है, बल्कि महाकुंभ के आयोजकों और श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गया है। पांडे ने यह भी बताया कि उन्होंने इस पेंटिंग को महाकुंभ के पवित्र अवसर को समर्पित किया है, और इसे बनाने का उद्देश्य महाकुंभ के दिव्य स्वरूप को और भी ऊंचा करना था। उन्होंने इस कला को न केवल अपनी साधना का हिस्सा माना, बल्कि इसे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ प्रस्तुत किया।

प्रतिभा पांडे के पति, प्रवीण कुमार पांडे ने अपनी पत्नी की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यह पूरी कृति एक साधना है। उन्होंने कहा, "मेरी पत्नी की साधना इतनी गहरी है कि वह दिन-रात कई घंटे बैठकर राम का नाम लिखकर यह पेंटिंग बना रही थीं। वह भगवान राम की भक्त हैं और यही उनकी प्रेरणा है।" प्रवीण कुमार ने आगे बताया कि पांडे ने न केवल इस पेंटिंग पर पूरा ध्यान केंद्रित किया, बल्कि घर के अन्य कामों और बच्चों की देखभाल के बीच इसे पूरा किया। उनके अनुसार, यह एक ऐसा साधना अभ्यास है, जो उनकी पत्नी के समर्पण और भक्तिभाव को प्रदर्शित करता है।प्रवीण कुमार पांडे ने यह भी बताया कि प्रयागराज में स्थित त्रिवेणी संगम, जहां महाकुंभ का आयोजन होता है, वह ऋषि भारद्वाज की भूमि है, और यही कारण है कि उनकी पत्नी ने "राम" का नाम उकेरने का निर्णय लिया। उनके अनुसार, यह पेंटिंग महाकुंभ के पवित्रता के प्रतीक के रूप में कार्य करेगी और श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव का रूप बनेगी।

महाकुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु हर वर्ष संगम में स्नान करने के लिए आते हैं, और इस भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए, राज्य प्रशासन ने सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। इस बार, स्वास्थ्य विभाग ने खासतौर पर एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) जैसी संभावित स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह से सुनिश्चित की गई हैं। इसके अलावा, डॉक्टरों और परामर्शदाताओं के लिए कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है, ताकि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें। चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा, और प्रशासन किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए पूरी तरह से सतर्क है। इसके साथ ही, जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि वे बिना किसी समस्या के महाकुंभ में भाग ले सकें। प्रशासन ने सुरक्षा बलों की तैनाती, पवित्र स्नान के दौरान गाइडलाइनों का पालन और चिकित्सा सहायता की सुविधाओं को भी सुनिश्चित किया है। 

महाकुंभ 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है, और इस बार यह 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच होने जा रहा है। इस अवसर पर लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन है, जो भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। महाकुंभ का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक सामूहिक आध्यात्मिक अनुभव भी है, जिसमें लोग अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए संगम में स्नान करते हैं। प्रतिभा पांडे की बनाई पेंटिंग इस महापर्व की दिव्यता और भव्यता का प्रतीक बन चुकी है। "राम" के नाम से सजी अमृत कलश की यह पेंटिंग न केवल कलाकार की भक्ति का परिणाम है, बल्कि यह महाकुंभ के पवित्र आयोजन को और भी आस्था और श्रद्धा से जोड़ने का काम करती है। 

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