Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 27 Feb, 2025 02:28 PM

बिहार के जहानाबाद स्थित केंद्रीय विद्यालय की एक प्राइमरी टीचर उस वक्त विवादों में आ गईं, जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में महिला टीचर ने बिहार के लोगों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसके बाद पूरे बिहार में...
नेशनल डेस्क: बिहार के जहानाबाद स्थित केंद्रीय विद्यालय की एक प्राइमरी टीचर उस वक्त विवादों में आ गईं, जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में महिला टीचर ने बिहार के लोगों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसके बाद पूरे बिहार में नाराजगी फैल गई। मामला इतना बढ़ा कि इस पर कार्रवाई करते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन ने महिला टीचर को निलंबित कर दिया।
केंद्रीय विद्यालय की यह महिला टीचर कुछ महीने पहले बिहार में पोस्टेड हुईं थीं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में उन्होंने बिहार में पोस्टिंग मिलने पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। वीडियो में महिला टीचर ने कहा, "मुझे अपनी पहली पोस्टिंग हमेशा याद रहेगी। केंद्रीय विद्यालय देश के कई इलाकों में हैं। मैं कोलकाता, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, यहां तक कि लद्दाख भी जाना पसंद करती हूं, जहां कोई नहीं जाना चाहता है, लेकिन बिहार कभी नहीं।"
इसके बाद उन्होंने बिहार के लोगों के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा, "सच्चाई ये है कि बिहार के लोगों के पास सिविक सेंस नहीं है। भारत अभी भी बिहार के कारण विकासशील देश बना हुआ है। जिस दिन हम बिहार को हटा देंगे, भारत एक विकसित देश बन जाएगा।" यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद बिहारवासियों और सोशल मीडिया यूजर्स में आक्रोश फैल गया।

सोशल मीडिया पर बवाल
महिला टीचर का यह वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बिहार के लोगों ने जमकर नाराजगी जताई। यूजर्स ने महिला टीचर के बयान को लेकर उनकी आलोचना की और बिहारवासियों का अपमान करने के लिए उन्हें दोषी ठहराया। उनके बयान ने बिहार के लोगों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई।
केंद्रीय विद्यालय ने लिया बड़ा एक्शन
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद केंद्रीय विद्यालय संगठन ने महिला टीचर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। पटना में केंद्रीय विद्यालय संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि दीपाली, जो कि जहानाबाद में केंद्रीय विद्यालय की प्राइमरी टीचर थीं, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। बयान में आगे कहा गया, "दीपाली को केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के प्रावधानों के तहत निलंबित किया गया है और उन्हें सारण जिले के केवीएस, मसरख में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।"
लोकसभा सांसद ने किया विरोध
समस्तीपुर से लोकसभा सांसद शाम्भवी चौधरी ने भी इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने महिला टीचर के निलंबन की पुष्टि करते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने इस तरह के भेदभावपूर्ण और आक्रामक व्यवहार की कड़ी निंदा की। सांसद ने लिखा, "केंद्रीय विद्यालय संगठन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी शिक्षक इस तरह के भेदभावपूर्ण या आक्रामक व्यवहार में शामिल न हो। इस घटना से बिहार के लोगों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है और संस्था के विश्वास और अखंडता को बनाए रखने के लिए तत्काल कार्रवाई आवश्यक है।" शाम्भवी चौधरी ने मामले की गहन जांच और टीचर के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया था।