Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Sep, 2024 11:27 AM
साल 2024 का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली को आने में कुछ ही दिन बाकी है ऐसे में एक बार फिर से दिवाली के त्योहार को लेकर शंका बनी हुई है कि दिवाली किस दिन मनाई जाएगी दरअसल, दिवाली के लिए दो दिन की तारीख सामने आई है। ऐसे में हिंदू पंचांगों और सरकारी...
नेशनल डेस्क: साल 2024 का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली को आने में कुछ ही दिन बाकी है ऐसे में एक बार फिर से दिवाली के त्योहार को लेकर शंका बनी हुई है कि दिवाली किस दिन मनाई जाएगी दरअसल, दिवाली के लिए दो दिन की तारीख सामने आई है। ऐसे में हिंदू पंचांगों और सरकारी कैलेंडरों में मतभेद के कारण अवकाश को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। केंद्र और राज्य सरकार के कैलेंडरों के अनुसार, दिवाली का अवकाश 31 अक्टूबर को घोषित किया गया है, जबकि राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, और मध्यप्रदेश के ज्योतिषीय पंचांगों में दिवाली का पर्व 1 नवंबर को मनाए जाने का उल्लेख है। ह काशी में भी विद्वान इसी हफ्ते बैठक करने वाले हैं। चूंकि त्रयोदशी 29 अक्टूबर को है। यदि दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाती है, तो इस बार दीप पर्व छह दिन का होगा।
क्यों है मतभेद?
ज्योतिषियों के अनुसार, दिवाली का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के प्रदोष काल (शाम के समय) में मनाया जाता है। इस वर्ष अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 3:53 बजे से शुरू होकर 1 नवंबर की शाम 6:17 बजे तक रहेगी, जिससे दोनों दिन प्रदोष काल के दौरान अमावस्या का संयोग बन रहा है। इसी कारण कुछ पंचांग 31 अक्टूबर को तो कुछ 1 नवंबर को दिवाली मना रहे हैं।
धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार, यदि अमावस्या दो दिन प्रदोष काल में आती है, तो दूसरे दिन सूर्यास्त के बाद लक्ष्मी पूजन और दीपोत्सव करना शास्त्रसम्मत माना गया है। इस तर्क के अनुसार, 1 नवंबर को दिवाली का त्योहार अधिक उपयुक्त बताया गया है।
ज्योतिषीय मत: बनारस और महाराष्ट्र के कुछ पंचांगों में भी 1 नवंबर को दिवाली का दिन बताया गया है।
शंकराचार्य का हस्तक्षेप आवश्यक
ज्योतिषी पं. घनश्याल लाल स्वर्णकार के अनुसार, इस मुद्दे पर स्पष्टता लाने के लिए देश के प्रमुख शंकराचार्य और केंद्र सरकार को आगे आकर निर्णय लेना चाहिए ताकि लोगों में कोई भ्रम न रहे और एक ही दिन दिवाली का उत्सव मनाया जा सके।
तिथियों का विवरण:
- त्रयोदशी तिथि: 29 अक्टूबर सुबह 10:32 बजे से 30 अक्टूबर दोपहर 1:16 बजे तक।
- चतुर्दशी तिथि: 30 अक्टूबर दोपहर 1:16 बजे से 31 अक्टूबर दोपहर 3:53 बजे तक।
- अमावस्या: 31 अक्टूबर दोपहर 3:53 बजे से 1 नवंबर शाम 6:17 बजे तक।
इसलिए, ज्योतिषियों के अनुसार, 1 नवंबर को ही दिवाली का त्योहार मनाना धर्मपुण्य की दृष्टि से सही होगा।
Diwali 2024 Shubh Muhurat
01 नवंबर को मां लक्ष्मी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर 06 बजकर 16 मिनट तक है। इस दौरान आप मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं।
इस प्रकार, दिवाली 2024 को लेकर उत्पन्न इस असमंजस को हल करने के लिए धार्मिक और सरकारी स्तर पर समन्वय की आवश्यकता है।