Edited By Archna Sethi,Updated: 04 Oct, 2022 07:50 PM
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर अहंकारी व दुराचारी से धरती को मुक्ति दिलाई थी। यह पर्व असत्य पर सत्य, बुराई पर...
चण्डीगढ़, 4 अक्तूबर -(अर्चना सेठी) हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर अहंकारी व दुराचारी से धरती को मुक्ति दिलाई थी। यह पर्व असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व है। प्रदेशवासी इस पर्व को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएं। यह पर्व सभी देशवासियों के लिए उत्साह और उल्लास लेकर आया है।
राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि मानव के स्वभाव में शुमार तपस, रजस और सात्विक तीनों गुणों को ग्रहण करने के लिए तथा शक्ति, लक्ष्मी और सरस्वती की अराधना के लिए नौ दिन तक नवरात्रों की पूजा की जाती है। यह अराधना स्वयं और देश की शक्ति बढ़ाने के लिए की जाती है। उन्होंने कहा कि विजयदशमी का पर्व शस्त्र पूजा का पर्व भी है, जो हम सबको शक्तिवान बनने की प्रेरणा देता है और यह संदेश भी देता है कि भारत के सभी लोग मिलकर शक्तिशाली व सम्मानीय भारत बनाएं। इस पर्व पर सामाजिक समरसता का वातावरण भी निर्मित होता है। प्रेम व आपसी सदभाव से राष्ट्र का निर्माण करना ही शक्तिदायक है, जिससे समाज सशक्त होता है।
राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि नवरात्रों में लोग, हवन, यज्ञ कर पूजा-अर्चना करते हैं। यज्ञ का पर्यावरण की दृष्टि से भी महत्व है। उन्होंने कहा कि यज्ञ को हम प्रकृति की आराधना के रूप में भी देखते हैं। प्रकृति की रक्षा करके पर्यावरण को सहेजना भी देश और मानव की रक्षा के समान है। नवरात्रों ने सदैव हमें यह सन्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम ने शक्ति एवं मर्यादा के बल पर ही दुराचारी व आततायी रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। लंका पर विजय प्राप्त कर भगवान श्री राम ने भारत में ही आदर्श राज्य की स्थापना की थी। भगवान श्री राम के आदर्शात्मक विचारों के अनुरूप शासन व सामाजिक व्यवस्था कायम रखने के लिए दशहरा का पर्व मनाया जाता है।
पर्व का भारतीय संस्कृति में अहम स्थान है। इसलिए हम सभी को इस पर्व पर सत्य, अहिंसा, आदर्श, मर्यादाओं पर चलने का प्रण लेना चाहिए। इससे देश में और अधिक सामाजिक सद्भाव कायम होगा और एक आदर्श राष्ट्र व समाज की स्थापना होगी।