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Women's Day : पचास हजार से बुना सपना, अब बनीं सफलता की मिसाल

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 08 Mar, 2025 03:28 PM

fifty thousand people wove a dream now became an example of success

"वुमन डे" महिलाओं की सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है और महिला अधिकारों के लिए जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस मौके पर हम उस महिला के बारे में जिक्र करेंगे जिसने एक छोटे से कमरे में सिर्फ़...

नई दिल्ली। "वुमन डे" महिलाओं की सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है और महिला अधिकारों के लिए जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस मौके पर हम उस महिला के बारे में जिक्र करेंगे जिसने एक छोटे से कमरे में सिर्फ़ 50,000 से सपना शुरू किया जो आज करोड़ों का टर्नओवर देने वाली कंपनी बन चुका है। यह कहानी है TYC Communication की, जिसकी नींव गीता सिंह ने समाज की रूढ़ियों को तोड़ते हुए रखीं और इसका नाम देश के प्रमुख पब्लिक रिलेशन कम्युनिकेशन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों में शामिल कर दिया। इस मुश्किल सफ़र में संघर्ष, असफलताओं और अनगिनत चुनौतियों का सामना कर उन्होंने मेहनत और संकल्प से सफलता की नई इबारत लिखी।

उत्तराखंड के एक पारंपरिक परिवार में जन्मी गीता सिंह ने बचपन से लड़कियों को कम उम्र में शादी कर घर संभालते देखा था। पर गीता के पिता ने अपने बच्चों के लिए कुछ अलग सपना देखा था। गीता जब छोटी थीं, तब उनके पिता उन्हें और उनके भाई बहनों को लेकर मेरठ चले आए ताकि उन्हें बेहतर शिक्षा और अवसर मिल सकें। वे चाहते थे उनकी बेटियां कुछ ऐसा काम करें, जो समाज के लिए मिसाल बनें। अपना स्नातक राजनीतिक विज्ञान (ऑनर्स) से करने के साथ साथ गीता सिंह ने मास कम्युनिकेशन में डिप्लोमा किया और देश के प्रतिष्ठित मीडिया हाउस में प्रशिक्षण लिया। पर गीता का सपना नौकरी नहीं थी। उन्हें अपना काम शुरू करना था और खुद की तरह छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर आए लोगों को रोजगार देना था। 2012 में सिर्फ ₹50,000 और सीमित संसाधन के साथ गीता ने एक कर्मचारी रखा और 8*8 के किराए के कमरे में TYC Communication की शुरुआत की। सीमित रुपए, कम संसाधन, और व्यक्तिगत धोखों के बावजूद गीता सिंह ने हार नहीं मानी और 2014 में TYC Communication एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई।

आज गीता की टीम में 50 से अधिक कर्मचारी हैं और वरिष्ठ कर्मचारी शुरुआती दौर से उनके साथ जुड़े हैं। यह बताता है कि गीता का नेतृत्व सिर्फ बिजनेस ग्रोथ नहीं है, बल्कि वे टीम के सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से भी जुड़ी हैं। गीता का मानना है कि एक कंपनी की असली ताक़त उसकी टीम होती है और कंपनी सिर्फ संस्थापक की वजह से नहीं चलती। TYC Communication अब तक 300 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड्स के साथ काम कर चुकी है। राष्ट्रीय सेवा संघ से लेकर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, USAID से लेकर IIT-D और पतंजलि से लेकर मारुति और मित्सुबिशी इंडिया जैसे बड़े संस्थानों ने TYC Communication के काम पर विश्वास दिखाया है और उनकी सेवाओं को पसंद किया है। पायनियर इंडिया और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड पियरसन भी TYC Communication के क्लाइंटेल का हिस्सा हैं। 38वें राष्ट्रीय खेल में भी TYC Communication ने पब्लिक रिलेशन और सोशल मीडिया सफलतापूर्वक मैनेज किया।

इसके अलावा गीता के नेतृत्व में TYC Communication ने कई बड़े इवेंट्स को मैनेज किया है, जैसे:
•​प्रयागराज खेल महाकुंभ 2025
•​गोल्डन पगोडा मैराथन (अरुणाचल प्रदेश)
•​ई-रिक्शा और ई-बोट लॉन्च (वाराणसी और नोएडा)
•​E- RaKAM by MSTC & CRWC
•​इंडिया-अफगानिस्तान इंटरनेशनल ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट शो 2019
•​इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ लैंगुएज एंड कल्चर
•38th National Games 2025

गीता सिंह की कहानी हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो सपने देखती है पर उन्हें पूरा करने का साहस नहीं जुटा पाती। गीता ने यह साबित किया है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।
गीता की कहानी सिर्फ सक्सेस स्टोरी नहीं है, बल्कि संघर्ष, धैर्य और आत्मनिर्भरता की मिसाल है। गीता की कहानी उस लड़की की कहानी है जो छोटे शहर से बड़े सपने के साथ आई और आज वो सपना जी रही हैं। उनका लक्ष्य अब  आने वाले कुछ सालों में TYC Communication को 100 करोड़ टर्नओवर की कंपनी बनाने का है।
गीता सिंह नए भारत की सशक्त नायिका हैं, जिन्होंने समझाया कि ठान लो तो कोई सपना बड़ा नहीं

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