Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Feb, 2025 10:33 AM
पिछले पूरे साल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोशल मीडिया पर ट्रोल्स के निशाने पर रही हैं। फरवरी 2024 में सरकार अपना आम बजट पेश नहीं कर पाई थी, और बाद में यह बजट जुलाई में आया। हालांकि, इस बजट में टैक्सपेयर्स को कोई खास राहत नहीं मिली। इसके...
नेशनल डेस्क: पिछले पूरे साल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोशल मीडिया पर ट्रोल्स के निशाने पर रही हैं। फरवरी 2024 में सरकार अपना आम बजट पेश नहीं कर पाई थी, और बाद में यह बजट जुलाई में आया। हालांकि, इस बजट में टैक्सपेयर्स को कोई खास राहत नहीं मिली। इसके बाद वित्त मंत्री सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करने लगीं।
पिछले बजट में वित्त मंत्री ने सोने पर लगने वाले टैक्स में 6% की कमी करके उसे सस्ता किया था, लेकिन इसके अलावा आयकर को लेकर किसी को खास राहत नहीं मिल पाई थी। नवंबर में जब GST की बैठक में पॉपकॉर्न और कैरेमल पॉपकॉर्न पर GST दरों को लेकर विवाद हुआ, तो निर्मला सीतारमण को इस पर स्पष्टीकरण भी देना पड़ा।
सोशल मीडिया पर शेयर बाजार के निवेशक एक ओर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) को लेकर चिंतित हैं, तो दूसरी ओर कैपिटल गेन टैक्स भी निवेशकों की चिंता का बड़ा विषय बना हुआ है। पिछले बजट में लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 12.5% कर दिया गया था, जबकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 20% टैक्स लगता है। निवेशकों को यह डर है कि सरकार शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ाकर 15% तक कर सकती है, और इसके दायरे में शेयरों के अलावा सोना, प्रॉपर्टी और अन्य चीजें भी आ सकती हैं।
माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार डायरेक्ट टैक्स कोड की घोषणा कर सकती है। इस तरह की घोषणा पिछले साल फरवरी में भी की गई थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका था। यदि इस बार ऐसा कोई कदम उठाया जाता है और इस कोड में कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाया जाता है, तो इसका बाजार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। भारतीय शेयर बाजार में सितंबर से अब तक 13% की गिरावट आई है, और ऐसे में बाजार में यह मानने की स्थिति है कि निर्मला सीतारमण के पास तमाम ट्रोल्स का जवाब देने का मौका है। वित्त मंत्री इस मौके का इस्तेमाल न केवल आलोचनाओं का सामना करने के लिए, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी एक नया दिशा देने के लिए कर सकती हैं।