Edited By Mahima,Updated: 04 Feb, 2025 04:32 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने 12 लाख रुपये तक टैक्स छूट देने का ऐलान किया है, जिससे 1 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने टैरिफ, इंपोर्ट ड्यूटी और राज्यों की ग्रोथ रैंक पर भी अपनी राय दी।...
नेशनल डेस्क: भारत में 2025 का बजट लेकर चर्चा तेज हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिजनेस टुडे के 'बजट राउंड टेबल' प्रोग्राम में हिस्सा लिया और बजट के विभिन्न पहलुओं को लेकर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस बजट में जहां आर्थिक विकास पर ध्यान दिया गया है, वहीं आम आदमी की सुविधाओं और जरूरतों का भी पूरा ख्याल रखा गया है।
12 लाख रुपये तक टैक्स छूट की अहमियत
निर्मला सीतारमण ने बजट में 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स छूट की घोषणा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कदम से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये टैक्सपेयर्स को बचेंगे, जिससे यह राशि सिस्टम में वापस आएगी और इससे ग्रोथ को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार का फोकस कैपिटेल एक्सपेंडेचर पर बना हुआ है, हालांकि चुनावों के कारण कभी-कभी इसमें थोड़ी रुकावट आ जाती है।
सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का फोकस रेलवे, सड़कें, हाइवे और आवास क्षेत्र पर है। सरकार इन क्षेत्रों में लगातार निवेश कर रही है, जिससे विकास की गति तेज हो सके।
टैरिफ पर वित्त मंत्री का जवाब
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के बारे में सवाल पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच ऐसे ट्रेड रिलेशन नहीं हैं, जिनसे अमेरिका भारत पर टैरिफ लगा सके। फिर भी अगर अमेरिका भारत पर टैरिफ लगाता है, तो भारत पूरी तरह से तैयार है और इस पर उचित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि कस्टम ड्यूटी के मामले में भारत ने कई उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम की है, लेकिन जहां घरेलू उद्योग को नुकसान हो सकता है, वहां इंपोर्ट ड्यूटी घटाने पर विचार नहीं किया जा सकता। वहीं, जिन उत्पादों पर भारत पूरी तरह से निर्भर है और जो देश में नहीं बनते, उन पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करने पर विचार किया जा सकता है।
भारत की विकास यात्रा में चुनौतियां
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत का लक्ष्य 2027 तक विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होने का है, हालांकि इस मार्ग में कई वैश्विक चुनौतियां आ सकती हैं। उनका मानना है कि इन चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भारत अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
राज्यों के गिरते विकास दर पर टिप्पणी
नीति आयोग की रिपोर्ट में कुछ राज्यों के विकास दर के गिरने पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार इन राज्यों से लगातार बातचीत कर रही है और इस गिरावट को रोकने के लिए रास्ते ढूंढे जा रहे हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि किसी राज्य से भेदभाव नहीं किया जा रहा है और विकास के लिए सबको समान अवसर दिए जा रहे हैं।
भारतीय बाजार में निवेशकों का भरोसा क्यों नहीं लौट रहा?
वित्त मंत्री ने भारतीय बाजार में निवेशकों के भरोसे की कमी के सवाल का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार मजबूत है और डोमेस्टिक ग्रोथ मजबूत बनी हुई है। एफडीआई में गिरावट के कारण ग्लोबल फैक्टर जिम्मेदार हैं, लेकिन यह इकोनॉमी का एक चक्र है। निवेशकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और यह आगे बढ़ने की दिशा में है।
क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल ट्रेड पर विचार
वित्त मंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को सही तरीके से रेगुलेट करने की आवश्यकता है। सरकार वर्चुअल ट्रेड के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह जरूरी है कि पारदर्शिता बनी रहे। सरकार इसे इस दिशा में काम कर रही है, ताकि निवेशकों को सुरक्षित वातावरण मिल सके।
भारत के आर्थिक विकास के लिए दृष्टिकोण
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों के बावजूद मजबूत स्थिति में है। उन्होंने भारतीय व्यापार, सरकार की नीतियों और निवेशकों के भरोसे को लेकर विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।