Edited By Yaspal,Updated: 27 Sep, 2024 05:22 PM
कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सूत्रों ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने एमयूडीए मामले में सिद्धरमैया और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है
बेंगलुरूः कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सूत्रों ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने एमयूडीए मामले में सिद्धरमैया और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। याचिकाकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जन प्रतिनिधि कोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक लोकयुक्त से इस मामले की जांच कर तीन महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आज मैसूरु लोकयुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया।
एफआईआर में सिद्धारमैया को पहले आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है, उसके बाद उनकी पत्नी पार्वती, साले मल्लिकार्जुन स्वामी और कथित ज़मीन मालिक देवराज का नाम दर्ज है। आरोपों के अनुसार, मैसूर विकास निकाय ने पार्वती के स्वामित्व वाली ज़मीन का एक टुकड़ा अधिग्रहित किया और उसे उच्च मूल्य के भूखंडों के साथ मुआवज़ा दिया। भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष और कुछ कार्यकर्ताओं ने सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती पर इस अवैध मुआवज़े वाली ज़मीन के सौदे से लाभ उठाने का आरोप लगाया है, उनका अनुमान है कि कथित अनियमितताएं 4,000 करोड़ रुपये की हैं।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ा झटका देते हुए मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाले में उनके खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल की मंजूरी की वैधता को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। सिद्धारमैया ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 218 के तहत उनके खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी। राज्यपाल ने तीन कार्यकर्ताओं की याचिकाओं के बाद जांच के लिए मंजूरी दी, जिन्होंने एक प्रमुख इलाके में MUDA द्वारा सिद्धारमैया की पत्नी को 14 साइटों के आवंटन में अनियमितताओं का आरोप लगाया था।