Edited By Parminder Kaur,Updated: 11 Jan, 2025 12:23 PM
अयोध्या में रामलला के अपने जन्मस्थान पर विराजने की शुक्रवार (पौष शुक्ल द्वादशी) को पहली वर्षगांठ है। इस एक साल में अयोध्या में न केवल विकास की गंगा बही है, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
नेशनल डेस्क. अयोध्या में रामलला के अपने जन्मस्थान पर विराजने की शुक्रवार (पौष शुक्ल द्वादशी) को पहली वर्षगांठ है। इस एक साल में अयोध्या में न केवल विकास की गंगा बही है, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
रामलला की नगरी में हुआ विकास
राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या में विकास की रफ्तार तेज हो गई है। सड़कों, बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं का विस्तार हुआ है। इससे यहां के स्थानीय लोग और व्यापारी बेहद खुश हैं। अयोध्या के व्यापारी प्रदीप पांडेय कहते हैं, "राम मंदिर बनने के बाद यहां का कायाकल्प हो गया है। अगर इसे राम राज नहीं कहेंगे, तो और क्या कहेंगे?"
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
एक साल में करीब 3.50 करोड़ श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचे। राम मंदिर निर्माण ने न केवल भारत से बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या ने अयोध्या को एक बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बना दिया है।
रियल एस्टेट में भारी उछाल
राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या के रियल एस्टेट बाजार में संपत्तियों के दाम में जबरदस्त उछाल देखा गया। एक साल में जमीनों के दाम 10 गुना तक बढ़ गए हैं। यह बढ़ोतरी न केवल स्थानीय व्यापारियों बल्कि निवेशकों के लिए भी फायदेमंद साबित हुई है।
भक्तों की ओर से दान की बौछार
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला के लिए श्रद्धालुओं ने एक साल में 363 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया है। इसके अलावा भक्तों ने 20 किलोग्राम सोना और 13 क्विंटल चांदी भी अर्पित की है। यह भक्तों की असीम श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है।
व्यापार और रोजगार में बढ़ोतरी
अयोध्या में तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या ने व्यापार और रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। होटल, रेस्टोरेंट, दुकानें और परिवहन सेवाओं में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। स्थानीय लोग इस बदलाव से बेहद खुश हैं।
रामलला की नगरी का कायाकल्प
राम मंदिर निर्माण ने अयोध्या के हर पहलू को छुआ है। विकास, श्रद्धा और धार्मिक पर्यटन के कारण अयोध्या ने एक नई पहचान बनाई है। यह बदलाव न केवल आर्थिक उन्नति का प्रतीक है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का भी जीवंत उदाहरण है।
अयोध्या में रामलला के विराजने की पहली वर्षगांठ ने यह साबित कर दिया है कि भारत की आस्था और संस्कृति का केंद्र अब और अधिक समृद्ध और जीवंत हो रहा है। यह अयोध्यावासियों के लिए गर्व का पल है और आने वाले समय में यह शहर विकास और आध्यात्मिकता का और बड़ा उदाहरण बनेगा।