Edited By Parveen Kumar,Updated: 17 Oct, 2024 07:16 PM
बिहार के सारण और सिवान जिलों में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 30 से पार हो गई है। सिवान जिले के सोंधानी, माघर, लकड़ी नबीगंज और भगवानपुर हाट जैसे गांवों में कई लोगों की मौत हुई है।
नेशनल डेस्क : बिहार के सारण और सिवान जिलों में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 30 से पार हो गई है। सिवान जिले के सोंधानी, माघर, लकड़ी नबीगंज और भगवानपुर हाट जैसे गांवों में कई लोगों की मौत हुई है। सारण जिले में भी ब्राहिमपुर, गंडामन और कईया टोला गांवों के लोग शराब पीने से मरे हैं। कई अन्य लोगों को भी शराब पीने के बाद अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
सिवान जिले में मरने वाले सभी लोग भगवानपुर हाट बाजार के आसपास के गांवों से हैं। सोंधानी गांव में तीन लोगों की मृत्यु हुई है: 45 वर्षीय घुघली महतो, तिलेश्वर महतो और तारकेश्वर महतो। इनकी एक साथ मौत से गांव में सन्नाटा छा गया है और घरों में चूल्हे नहीं जल रहे हैं। मृतकों के परिजनों का कहना है कि इन सभी ने 15 अक्टूबर को शराब पी थी। वे बाजार गए थे, जहां उन्हें शराब मिल गई। 16 अक्टूबर की शाम को इनकी तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके बाद इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन कुछ समय बाद तीनों ने दम तोड़ दिया।
गांव के सरपंच ललन गुप्ता ने बताया कि 16 अक्टूबर की शाम को घुघली महतो की तबीयत अचानक खराब हुई। उनकी आंखों की रोशनी चली गई और वे दिखाई देना बंद हो गए। परिजन उन्हें इलाज के लिए भगवानपुर हाट बाजार ले गए, लेकिन वहां से डॉक्टरों ने उन्हें बसंतपुर के लिए रेफर कर दिया। बसंतपुर पहुंचने पर उनकी तबीयत और बिगड़ गई, और सिवान जाते समय ही उनकी मौत हो गई।
सोंधानी गांव के ये तीनों मृतक मजदूरी करते थे और उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। घुघली महतो के दो बेटे और बेटियां हैं, जबकि तारकेश्वर महतो के भी दो बेटे और एक बेटी है, जिनकी शादी अभी होनी बाकी है। अब इन परिवारों के सामने जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीण जवाहर महतो ने कहा कि अगर प्रशासन पहले शराब की बिक्री पर रोक लगाता, तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता। ग्रामीणों ने मृतकों के परिजनों के लिए सरकार से मुआवजे की मांग की है।