असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर, बिहार में नदियां खतरे के निशान के करीब, उत्तर प्रदेश में 13 की मौत

Edited By Pardeep,Updated: 07 Jul, 2024 08:19 AM

flood situation critical in assam rivers close to danger mark in bihar

भारत के पूर्वी हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने से बिहार में कई स्थानों पर विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है और असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां बाढ़ से 30 जिलों के 24.5 लाख लोग प्रभावित हैं।

नई दिल्लीः भारत के पूर्वी हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने से बिहार में कई स्थानों पर विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है और असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां बाढ़ से 30 जिलों के 24.5 लाख लोग प्रभावित हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में शनिवार शाम 6:30 बजे तक 24 घंटे में बारिश से संबंधित घटनाओं में 13 लोगों की मौत हो गई और जम्मू में रातभर हुई भारी बारिश के कारण 30 वर्षीय एक महिला की डूबने से मौत हो गई। 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से बात की और कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल प्रभावित लोगों को बचाने तथा राहत प्रदान करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। 

असम बाढ़ से जूझ रहा है और राज्य के 30 जिलों में 24.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। कई स्थानों पर प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कछार, कामरूप, धुबरी, नगांव, गोलपाड़ा, बारपेटा, डिब्रूगढ़, बोंगाईगांव, लखीमपुर, जोरहाट, कोकराझार, करीमगंज और तिनसुकिया प्रभावित जिलों में शामिल हैं। तीन जिलों कामरूप (महानगर), कामरूप और डिब्रूगढ़ के शहरी इलाकों में भी बाढ़ की खबर है। 

इस साल बाढ़ में अब तक 52 लोगों की मौत
इस साल बाढ़ में अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि भूस्खलन और तूफान में 12 अन्य लोगों की जान जा चुकी है। ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, गुवाहाटी, ग्वालपाड़ा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बराक नदी और इसकी सहायक नदियां भी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। एक अधिकारी ने कहा कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में आई विनाशकारी बाढ़ से 114 जंगली जानवरों की मौत हो गई है, जबकि शनिवार तक 95 जानवरों को बचा लिया गया है। 

बिहार के कई राज्यों में भारी बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर
वहीं जल संसाधन विभाग द्वारा जारी नवीनतम बुलेटिन के अनुसार बिहार में चार जुलाई से कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य के अधिकारियों ने बताया, "राज्य के कुछ जिलों में लगातार बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं। पानी का बहाव बढ़ने से कई बांधों में पानी का स्तर भी बढ़ गया है। इसके अलावा नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण भी कई जगहों पर नदियां खतरे के स्तर को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं।" 

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी नदी सुपौल और उसके आसपास के क्षेत्र बसंतपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि शुक्रवार को खगड़िया और बेलदौर में यह चेतावनी के स्तर को छू गई। मधुबनी, जयनगर और झंझारपुर में कमला नदी चेतावनी स्तर को छू गई है। शुक्रवार को अररिया जिले में परमान नदी खतरे के निशान को पार कर गई। खगड़िया और बेलदौर में कोसी नदी खतरे के निशान के करीब है। गोपालगंज और सिधवलिया इलाके में गंडक नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। 

उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के कारण 13 लोगों की मौत
वहीं उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के कारण शनिवार शाम 6:30 बजे तक 24 घंटे में बारिश से संबंधित घटनाओं में 13 लोगों की मौत हो गई। ये मौतें फतेहपुर, रायबरेली, मैनपुरी, बुलंदशहर, कन्नौज, कौशांबी, फिरोजाबाद, प्रतापगढ़ और उन्नाव में हुईं। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में औसतन 18.3 मिलीमीटर बारिश हुई। पचहत्तर जिलों में से 45 में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। श्रावस्ती में सबसे अधिक 65.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। 

हिमाचल के धर्मशाला और पालमपुर में 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश
वहीं हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश हुई है जिसमें कांगड़ा का धर्मशाला और पालमपुर शामिल है, जहां 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई। आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार भारी बारिश के कारण 150 सड़कें अवरुद्ध हो गईं हैं। इनमें मंडी की 111, सिरमौर की 13, शिमला की नौ, चंबा और कुल्लू की आठ-आठ और कांगड़ा जिले की एक सड़क है। इसमें कहा गया है कि 334 ट्रांसफार्मर बाधित हुए और 55 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुईं हैं। धर्मशाला में सबसे अधिक 214.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद पालमपुर (212.4 मिमी), जोगेंद्रनगर (169 मिमी) रहे। शिमला में मौसम विभाग ने 12 जुलाई तक अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी देते हुए 'येलो' अलर्ट जारी किया है। 

जयपुर, बूंदी, कोटा में भारी बारिश
वहीं मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान में बारां जिले के शाहाबाद में 24 घंटे की अवधि में 195 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि राज्य में भारी बारिश जारी है। जयपुर, बूंदी, कोटा, टोंक और बारां जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों समेत कई इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ के बावजूद राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) की होबलीवार वर्षा रिपोर्ट के मुताबिक कई क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई है। कर्नाटक में होबली एक साथ प्रशासित समीपवर्ती गांवों के समूह को कहा जाता है। 

रिपोर्ट के अनुसार चार होबली में इस दक्षिण-पश्चिम मानसून (एक जून से छह जुलाई के बीच) के दौरान वर्षा में भारी कमी (सामान्य से 60 प्रतिशत कम) दर्ज की गई है और 117 होबली में भी कम वर्षा (सामान्य से 20 से 59 प्रतिशत) दर्ज की गई है। इस बीच भारत मौसम विभाग ने कहा है कि तटीय कर्नाटक में पिछले 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई है। 

वहीं अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जम्मू के कई हिस्सों में रातभर हुई भारी बारिश के कारण अलग-अलग घटनाओं में एक महिला डूब गई और तीन लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान रोजी कौसर (30) के रूप में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि कौसर का शव शुक्रवार रात एक नाले से बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि उसकी मौत का कारण तुरंत पता नहीं चल पाया है, लेकिन इलाके में भारी बारिश हुई थी और महिला शायद धारा के तेज बहाव में फिसल गई होगी।
 

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