Edited By Anu Malhotra,Updated: 31 Jan, 2025 08:38 PM
1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। सुबह 11 बजे वित्त मंत्री का भाषण शुरु होगा। यह बजट खास होने वाला है क्योंकि यह उनका लगातार आठवां बजट होगा, जिससे वह इतिहास रचने की ओर बढ़ रही हैं। बजट 2025-26 से मध्यम वर्ग और व्यापार...
नेशनल डेस्क: 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। सुबह 11 बजे वित्त मंत्री का भाषण शुरु होगा। यह बजट खास होने वाला है क्योंकि यह उनका लगातार आठवां बजट होगा, जिससे वह इतिहास रचने की ओर बढ़ रही हैं। बजट 2025-26 से मध्यम वर्ग और व्यापार जगत को कई उम्मीदें हैं, खासकर टैक्स छूट, महंगाई पर राहत और विकास योजनाओं को लेकर।
सरकार की बड़ी जिम्मेदारी
इस बार का बजट 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है, जो सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है। सरकार को राजकोषीय घाटे को काबू में रखते हुए अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सही दिशा में निवेश करना होगा।
वित्त मंत्री के सामने क्या चुनौतियां हैं?
निर्मला सीतारमण और उनकी टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती विकास को गति देना और राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5% के नीचे बनाए रखना है। बजट तैयार करने में वित्त सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव, व्यय सचिव, दीपम सचिव, वित्तीय सेवा सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार का अहम योगदान होगा।
बजट पेश करने के मामले में इतिहास रचेंगी सीतारमण
इस बार बजट पेश करने के साथ ही निर्मला सीतारमण मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड के करीब पहुंच जाएंगी, जिन्होंने अब तक 10 बजट पेश किए थे। वह भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं और 2019 से अब तक लगातार 7 बजट पेश कर चुकी हैं।
बजट पेश करने की प्रक्रिया क्या होती है?
- भारत में हर साल 1 फरवरी को बजट पेश किया जाता है।
- बजट को पहले लोकसभा में पेश किया जाता है, फिर इसे राज्यसभा में भेजा जाता है।
- बजट दो भागों में होता है—एक आम जनता और व्यापारियों के लिए, और दूसरा सरकार के खर्चों व योजनाओं से संबंधित।
बजट में क्या हो सकता है खास?
- पूंजीगत व्यय में 20% की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
- राजकोषीय घाटे को 4.4% पर रखने का लक्ष्य हो सकता है।
- मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में राहत की संभावना।
- बिजली, सड़क, बुनियादी ढांचे के लिए बड़े ऐलान संभव।
प्रधानमंत्री मोदी की उम्मीदें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र की शुरुआत में कहा कि यह बजट भारत के विकास में एक नई ऊर्जा देगा और गरीब व मध्यम वर्ग को राहत दिलाने वाला होगा।
महत्वपूर्ण विधेयकों पर भी नजर
सरकार बजट सत्र में वक्फ (संशोधन) विधेयक, विमान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक और त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को भी पेश कर सकती है।
बजट की तारीख और समय का इतिहास
पहले बजट फरवरी के अंतिम दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था। 1999 में इसे सुबह 11 बजे कर दिया गया, और 2017 में 1 फरवरी को बजट पेश करने की परंपरा शुरू हुई ताकि योजनाओं को जल्द लागू किया जा सके।
बजट पेश करने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड
- स्वतंत्र भारत का पहला बजट आर.के. शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था।
- मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया।
- डॉ. मनमोहन सिंह के 1991 के बजट ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।
- पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी के बजट भी कई अहम आर्थिक सुधारों का हिस्सा रहे।
बजट 2025-26 से सभी वर्गों को राहत की उम्मीद है। सरकार के सामने अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने, विकास को बढ़ावा देने और मध्यम वर्ग को राहत देने की चुनौती है। अब देखना होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण क्या बड़े ऐलान करती हैं।