Edited By Anu Malhotra,Updated: 31 Oct, 2024 04:03 PM
food delivery और क्विक कॉमर्स फर्म स्विगी ने अपने 11,327 करोड़ रुपये के IPO की घोषणा कर दी है, जो भारत में इस साल का दूसरा सबसे बड़ा और कुल मिलाकर छठा सबसे बड़ा आईपीओ होगा। कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने बताया कि भविष्य में स्विगी का...
मुंबई: food delivery और क्विक कॉमर्स फर्म स्विगी ने अपने 11,327 करोड़ रुपये के IPO की घोषणा कर दी है, जो भारत में इस साल का दूसरा सबसे बड़ा और कुल मिलाकर छठा सबसे बड़ा आईपीओ होगा। कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने बताया कि भविष्य में स्विगी का क्विक कॉमर्स कारोबार फूड डिलीवरी से भी बड़ा हो सकता है। मजेटी ने कहा कि क्विक कॉमर्स का तेजी से बढ़ता बाजार अगले पांच साल में कंपनी के फूड डिलीवरी कारोबार को पीछे छोड़ देगा।
swiggy का यह IPO 6 नवंबर, 2024 को खुलेगा, जिसमें शेयर की कीमत 371 रुपये से 390 रुपये प्रति शेयर के दायरे में रखी गई है। इस मूल्य दायरे के ऊपरी स्तर पर स्विगी का मूल्यांकन लगभग 87,300 करोड़ रुपये होगा। कंपनी इस आईपीओ के जरिए जुटाई गई राशि का उपयोग अपने डार्क स्टोर नेटवर्क, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, ब्रांड मार्केटिंग, और बिजनेस विस्तार में करेगी। क्विक कॉमर्स कारोबार में 1,178.7 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जो पहले से निर्धारित राशि 982 करोड़ रुपये से अधिक है।
swiggy 11 नवंबर को अलॉटमेंट होगा। इसकी लिस्टिंग 13 नवंबर को होने की उम्मीद है। इसका प्राइस बैंड 371 से 390 रुपये के बीच है। एक लॉट में 38 शेयर हैं। इसके लिए 14820 रुपये निवेश करने होंगे। रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट खरीद सकेगा।
कंपनी किसमें करेगी निवेश ?
IPO से मिली रकम का इस्तेमाल कंपनी अपनी मैटेरियल सब्सिडियरी स्कूटसी में निवेश करेगी। साथ ही इस रकम का इस्तेमाल टेक्नॉलजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कंपनी ब्रांड मार्केटिंग और दूसरे कामों में भी IPO से मिली रकम का इस्तेमाल करेगी।
ग्रे मार्केट में स्थिति?
स्विगी के आईपीओ के लिए ग्रे मार्केट में शुरुआती रुचि देखी गई, जहाँ इसका जीएमपी (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पहले दिन 25 रुपये पर खुला था, जो इसके इश्यू प्राइस से लगभग 6.41% अधिक था और इसकी अनुमानित लिस्टिंग प्राइस 415 रुपये मानी जा रही थी। हालांकि, एक दिन बाद यानी बुधवार को इसमें कुछ गिरावट देखने को मिली, और इसका जीएमपी घटकर 18 रुपए रह गया। इस गिरावट के साथ, अब इसकी अनुमानित लिस्टिंग प्राइस 408 रुपये पर आ गई है, जो इश्यू प्राइस से लगभग 4.62% अधिक है।
ग्रे मार्केट में आईपीओ का जीएमपी संकेत देता है कि निवेशकों का रूझान प्रारंभिक दिनों में सकारात्मक था, लेकिन दूसरे दिन थोड़ी गिरावट आई है। ऐसे में स्विगी के आईपीओ की लिस्टिंग को लेकर बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव के संकेत हैं, और इसकी अंतिम लिस्टिंग प्राइस पर निवेशकों की निगाहें बनी रहेंगी।
IPO की मुख्य बातें:
नए शेयर: कंपनी द्वारा 4,499 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे।
OFS: मौजूदा शेयरधारकों के लिए 17.5 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा।
क्विक कॉमर्स पर फोकस: इंस्टामार्ट के CEO अमिताभ झा के अनुसार, क्विक कॉमर्स तेजी से विकसित हो रहा है और इसमें लोगों की भागीदारी अन्य श्रेणियों की तुलना में अधिक है।
बाजार मूल्यांकन: IPO के ऊपरी प्राइस बैंड के अनुसार, swiggy का बाजार मूल्यांकन करीब 2.21 लाख करोड़ रुपये होगा।
मजेटी ने इस IPO को swiggy के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इसे सफल बनाने के लिए निवेशकों और कर्मचारियों का योगदान अविस्मरणीय रहा है।
बता दें कि स्विगी का मुकाबला मुख्य रूप से जोमैटो, Zomato के ब्लिंकिट (Blinkit), जेप्टो (Zepto) और बिगबास्केट (BigBasket) जैसी कंपनियों से है.
IPO के समय मूल्यांकन
2021 में आईपीओ के ऊपरी मूल्य बैंड पर Zomato का मूल्य 59,623 करोड़ रुपये था।
swiggy ने अपनी वैल्यू 87,299 करोड़ रुपये लगाई है।
खुदरा निवेशकों को शेयरों की पेशकश
Zomato द्वारा खुदरा निवेशकों को पेश किए गए शेयरों की संख्या कुल आईपीओ का 18% थी।
swiggy ने खुदरा निवेशकों को आईपीओ का 10% हिस्सा देने का प्रस्ताव दिया है। स्विगी और जोमैटो के आईपीओ में महत्वपूर्ण अंतर स्पष्ट है, जो दोनों कंपनियों के व्यवसायों और भविष्य की योजनाओं को भी दर्शाता है। स्विगी का 11,327 करोड़ रुपये का आईपीओ, 87,299 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ लॉन्च किया गया है, जो कि जोमैटो के 2021 के आईपीओ मूल्यांकन 59,623 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।
रिटेल निवेशकों को जोमैटो ने अपने आईपीओ में 18% शेयर आवंटित किए थे, जबकि स्विगी ने इस श्रेणी के निवेशकों के लिए सिर्फ 10% शेयर आवंटित करने की योजना बनाई है।
ये आंकड़े यह दिखाते हैं कि स्विगी का ध्यान अधिक संस्थागत निवेशकों पर केंद्रित है, जबकि जोमैटो ने रिटेल निवेशकों को अधिक प्राथमिकता दी थी। दोनों के बीच यह अंतर इनकी रणनीति और बाजार में प्रतिस्पर्धा की स्थिति को लेकर किए गए निर्णयों को भी उजागर करता है।