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Big Relief: 5 साल में पहली बार! मार्च में महंगाई ने तोड़ी कमर, खाने-पीने की चीजें हुईं सस्ती

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 16 Apr, 2025 09:42 AM

food items are cheaper inflation rate is at its lowest level in 5 years

मार्च 2025 में भारत में महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत देखने को मिली। खासकर खाद्य वस्तुओं और सब्जियों की कीमतों में आई नरमी ने न केवल आम लोगों को राहत दी बल्कि केंद्र सरकार को भी एक बड़ी राहत दी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में खुदरा महंगाई दर...

नेशनल डेस्क। मार्च 2025 में भारत में महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत देखने को मिली। खासकर खाद्य वस्तुओं और सब्जियों की कीमतों में आई नरमी ने न केवल आम लोगों को राहत दी बल्कि केंद्र सरकार को भी एक बड़ी राहत दी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में खुदरा महंगाई दर केवल 3.34 प्रतिशत रही जो फरवरी में 3.61 प्रतिशत थी। यह 67 महीने में सबसे कम वृद्धि है जो अगस्त 2019 के बाद देखी गई है।

थोक महंगाई दर में भी कमी

रिपोर्ट के अनुसार मार्च में थोक महंगाई दर भी घटकर 2.05 प्रतिशत पर आ गई जबकि फरवरी में यह 2.38 प्रतिशत थी। इससे साफ है कि महंगाई पर काबू पाने में सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतियां प्रभावी हो रही हैं।

खाद्य महंगाई में सुस्ती

मार्च में खाद्य महंगाई की रफ्तार भी काफी सुस्त हुई है। खुदरा बाजार में खाद्य उत्पादों की कीमतों में 2.69 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई जबकि थोक बाजार में यह 1.57 प्रतिशत रही। यह दर्शाता है कि कीमतों में वृद्धि की गति धीमी हो गई है जिससे आम आदमी को राहत मिली है।

 

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खासकर सब्जियों और प्रोटीन उत्पादों की कीमतों में गिरावट आई है जो खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने में मददगार साबित हुई। खाद्य महंगाई नवंबर 2021 के बाद मार्च 2025 में सबसे कम रही है।

खाद्य महंगाई का निचला स्तर

मार्च में खाद्य महंगाई दर 2.69 प्रतिशत रही जो नवंबर 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर था। इसमें प्रमुख योगदान सब्जियों और दालों की कीमतों में आई गिरावट का है। हालांकि कुछ खाद्य वस्तुओं जैसे फल और खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली।

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विनिर्मित उत्पादों और ईंधन की महंगाई में बढ़ोतरी

वहीं विनिर्मित उत्पादों की महंगाई मार्च में बढ़कर 3.07 प्रतिशत हो गई जबकि फरवरी में यह 2.86 प्रतिशत थी। इसके अलावा मार्च में ईंधन और बिजली की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई जिससे थोक मुद्रास्फीति दर 0.20 प्रतिशत हो गई जो फरवरी में -0.71 प्रतिशत थी।

महंगाई दर की स्थिति

खुदरा खाद्य महंगाई मार्च में 2.69 प्रतिशत रही जबकि थोक खाद्य महंगाई केवल 1.57 प्रतिशत रही। यही नहीं पिछले कुछ महीनों की तुलना में मार्च में महंगाई में और भी सुस्ती आई है जिससे केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतियों की सफलता साफ तौर पर दिखाई दे रही है।

महंगाई के असर के बारे में

हालांकि कुछ वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है। जैसे हाउसिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य और ट्रांसपोर्ट की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है लेकिन खाद्य महंगाई में आई राहत से लोगों को निश्चित रूप से फायदा हुआ है।

 

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रिपोर्ट में उल्लेखित प्रमुख वस्तुएं

➤ अनाज: मार्च में 5.93 प्रतिशत बढ़े जबकि फरवरी में यह 6.10 प्रतिशत बढ़े थे।

➤ सब्जियां: मार्च में -7.04 प्रतिशत की गिरावट आई जो फरवरी में -1.07 प्रतिशत थी।

➤ फल: मार्च में 16.27 प्रतिशत महंगे हुए जबकि फरवरी में यह 14.42 प्रतिशत बढ़े थे।

 

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➤ खाद्य तेल: मार्च में 17.07 प्रतिशत महंगे हुए जबकि फरवरी में यह 16.36 प्रतिशत बढ़े थे।

➤ नारियल तेल: मार्च में 56.81 प्रतिशत महंगा हुआ जबकि फरवरी में यह 54.48 प्रतिशत बढ़ा था।

वहीं इस आंकड़ों के मुताबिक महंगाई में राहत की स्थिति लंबे समय तक बनी रह सकती है और यदि यह ट्रेंड जारी रहा तो भारतीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा जिससे ब्याज दरों में कटौती की संभावना भी बन सकती है।

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