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लड़कियां पहले चेक करेंगी CIBIL Score, फिर होगी शादी की बात! जानिए क्या पड़ेगा इसका असर?

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 02 Apr, 2025 01:09 PM

for girls cibil score is now a mandatory condition before marriage

अब शादी के लिए जन्मकुंडली और मेडिकल चेकअप के साथ-साथ सिबिल स्कोर भी एक महत्वपूर्ण मापदंड बन गया है। आजकल युवक-युवतियां और उनके परिवार वाले शादी से पहले सिबिल स्कोर चेक कर रहे हैं। इसके बाद ही रिश्ते को आगे बढ़ाने का फैसला किया जा रहा है। ज्यादा कर्ज...

नेशनल डेस्क। अब शादी के लिए जन्मकुंडली और मेडिकल चेकअप के साथ-साथ सिबिल स्कोर भी एक महत्वपूर्ण मापदंड बन गया है। आजकल युवक-युवतियां और उनके परिवार वाले शादी से पहले सिबिल स्कोर चेक कर रहे हैं। इसके बाद ही रिश्ते को आगे बढ़ाने का फैसला किया जा रहा है। ज्यादा कर्ज या कम सिबिल स्कोर वाले लोगों से रिश्ते से दूरी बनाई जा रही है।

पहले शादी-ब्याह के लिए मुख्य रूप से जन्मकुंडली मिलान, परिवारों की पहचान और गृह-नक्षत्र के अनुसार पंडितों से सलाह ली जाती थी लेकिन अब आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सिबिल स्कोर को भी एक मापदंड के रूप में देखा जा रहा है। यह नया बदलाव रिश्तों को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए किया जा रहा है ताकि भविष्य में आर्थिक समस्याओं से बचा जा सके।

क्या है सिबिल स्कोर?

सिबिल स्कोर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो लिमिटेड (CIBIL) द्वारा जारी किया जाने वाला एक अंक है जो किसी व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता को दर्शाता है। यह 300 से 900 तक के अंक होते हैं। एक अच्छा सिबिल स्कोर किसी व्यक्ति को लोन या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में मदद करता है और अधिक अंक होने पर बेहतर डील मिलती है।

शादी से पहले सिबिल स्कोर चेक करने का चलन

हाल ही में हुए सर्वेक्षण में सामने आया कि:

➤ 20 से 35 प्रतिशत युवा शादी से पहले अपने साथी का सिबिल स्कोर चेक करते हैं।

➤ 15 से 20 प्रतिशत युवा कम सिबिल स्कोर वाले व्यक्ति से शादी करने से इंकार कर देते हैं।

➤ 55 से 60 प्रतिशत युवा जीवन में आर्थिक सुदृढ़ता को प्राथमिकता देते हैं।

➤ 12 से 17 प्रतिशत लड़के युवतियों का सिबिल स्कोर चेक करते हैं।

➤ 25 से 30 प्रतिशत लड़कियां युवकों का सिबिल स्कोर चेक करती हैं।

 

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कुछ मामले:

➤ केस 1: महाराष्ट्र के मुर्तिजापुर में एक दुल्हन ने शादी से इंकार कर दिया क्योंकि दूल्हे का सिबिल स्कोर कमजोर था और उस पर कर्ज ज्यादा था।

➤ केस 2: कर्नाटक के मैसूरू में एक युवती ने शादी से पहले युवक का सिबिल स्कोर चेक किया। कम सिबिल स्कोर के कारण परिजनों ने रिश्ता करने से मना कर दिया।

क्या पड़ेगा इसका असर?

अब यह सवाल उठ रहा है कि यदि केवल युवतियां ही लड़कों का सिबिल स्कोर चेक करती हैं तो क्या लड़के भी अब लड़कियों का सिबिल स्कोर चेक करेंगे? अगर यह परंपरा बनी रही तो इसका असर मध्यम और कम आय वर्ग के परिवारों पर पड़ सकता है।

इसके साथ ही कुछ और सवाल भी उठ रहे हैं:

➤ क्या समाज में आर्थिक दबाव बढ़ने लगा है?

➤ क्या लड़कों को लड़कियों के बारे में जानने का अधिकार नहीं होना चाहिए?

➤ क्या पाश्चात्य संस्कृति का असर इस पर पड़ रहा है?

➤ कोरोना के बाद मानसिकता में बदलाव आया है या नहीं?

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आर्थिक सुदृढ़ता की अहमियत

आजकल युवतियां मानती हैं कि शादी के बाद जीवन में आर्थिक मजबूती होना जरूरी है। कर्ज या पारिवारिक उत्तरदायित्व के चलते लड़के भविष्य में असुरक्षित महसूस कर सकते हैं इसलिए वे सिबिल स्कोर चेक करती हैं। लड़के भी लड़कियों का सिबिल स्कोर चेक कर रहे हैं खासकर उन लड़कियों का जिनके पास एज्यूकेशन लोन है ताकि भविष्य में उन्हें यह लोन चुकाने की जिम्मेदारी न उठानी पड़े।

सिबिल स्कोर का बढ़ता महत्व

आर्थिक स्थिति का सही आकलन करने के लिए अब सिबिल स्कोर को चेक किया जा रहा है। यह एक नया तरीका है जिससे युवक और युवतियां एक-दूसरे को समझ सकते हैं। हालांकि यह अभी शुरूआत में है लेकिन यह धीरे-धीरे एक बड़ा ट्रेंड बन सकता है। इसका उद्देश्य रिश्तों को वित्तीय दृष्टिकोण से भी मजबूत बनाना है।

अर्थात सिबिल स्कोर अब केवल एक वित्तीय मापदंड नहीं रह गया है बल्कि यह वैवाहिक जीवन की स्थिरता और सुरक्षित भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण बनता जा रहा है।

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