बिहार में पहली बार तीन ट्रांसजेंडर बने पुलिस सब-इंस्पेक्टर, कहा आसान नहीं था जीवन का सफर

Edited By Mahima,Updated: 13 Jul, 2024 09:36 AM

for the first time in bihar three transgenders became police sub inspectors

बिहार में पहली बार तीन ट्रांसजेंडरों ने बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर पुलिस सब-इंस्पेक्टर बनने का गौरव प्राप्त किया है। मानवी मधु कश्यप एक ट्रांसवुमन हैं, जबकि रोहित झा और बंटी कुमार ट्रांसमैन हैं। तीनों ट्रांसजेंडर पटना के एक...

नेशनल डेस्क: बिहार में पहली बार तीन ट्रांसजेंडरों ने बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर पुलिस सब-इंस्पेक्टर बनने का गौरव प्राप्त किया है। मानवी मधु कश्यप एक ट्रांसवुमन हैं, जबकि रोहित झा और बंटी कुमार ट्रांसमैन हैं। तीनों ट्रांसजेंडर पटना के एक ही कोचिंग संस्थान के छात्र रहे हैं। भागलपुर की रहने वाली 23 वर्षीय मधु कश्यप ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि एक ट्रांसजेंडर के रूप में मेरी जीवन यात्रा आसान नहीं रही है क्योंकि मुझे अपनी लैंगिक पहचान के कारण बहुत सारे सार्वजनिक ताने सुनने पड़े और मेरे परिवार को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। मुझे अपने ही गृह जिले में गुमनामी में रहना पड़ा। उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा और वे नौ साल तक पटना में रहीं और अपने घर नहीं गईं। दो साल पहले उन्हें एक सर्जरी भी करानी पड़ी और परीक्षा की तैयारी के कई महीने बर्बाद हो गए।

मुझे ट्रांसजेंडर होने पर कोई शर्म नहीं
सुश्री कश्यप ने कहा कि वह एक आई.ए.एस. अधिकारी बनना चाहती थी, लेकिन इसके बजाय उन्होंने पहले स्वतंत्र होने के लिए पुलिस की वर्दी पहनने के लिए यह परीक्षा पास की। उन्होंने कहा कि अब वह अपनी पहचान पर खुश और गर्व महसूस करती हैं। मधु कश्यप ने कहा कि किसी को अपने लिंग के बारे में शिकायत नहीं करनी चाहिए बल्कि ईमानदारी से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब मैं पुलिस की वर्दी में अपने गांव जाकर सबको यह बताने की योजना बना रही हूं कि मुझे ट्रांसजेंडर होने पर कोई शर्म नहीं है। घर पर उनके परिवार में उनकी दो बहनें, एक भाई और उनकी मां हैं। उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं।

कोचिंग संस्थान में मुश्किल से मिला था दाखिला
वह बताती हैं कि परीक्षा की तैयारी के लिए एक कोचिंग संस्थान में दाखिला लेने में उन्हें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्हें एक ट्रांसजेंडर के रूप में दाखिला देने से साफ इनकार कर दिया गया था। गुरु रहमान से मिलने के बाद उन्हें और दो अन्य ट्रांसजेंडर को उनके कोचिंग संस्थान में दाखिला मिला। रहमान ने कहा कि मधु ने अपनी पढ़ाई और परीक्षा के लिए शारीरिक तैयारी के लिए बहुत मेहनत की और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। मैं अपने कोचिंग संस्थान से तीनों थर्ड जेंडर को परीक्षा में सफल होते देखकर बहुत खुश हूं।

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