Edited By Rahul Rana,Updated: 07 Apr, 2025 05:35 PM
गोवा में इस बार शैक्षणिक सत्र का आगाज पारंपरिक रूप से जून के बजाय अप्रैल में किया गया है। यह बदलाव भारतीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया गया है, जिसके कारण राज्य में शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत अब हर साल अप्रैल में होगी। यह कदम राज्य शिक्षा प्रणाली...
नेशनल डेस्क: गोवा में इस बार शैक्षणिक सत्र का आगाज पारंपरिक रूप से जून के बजाय अप्रैल में किया गया है। यह बदलाव भारतीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया गया है, जिसके कारण राज्य में शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत अब हर साल अप्रैल में होगी। यह कदम राज्य शिक्षा प्रणाली को और भी सशक्त बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। सोमवार को जब शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हुई, तो स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति 90 प्रतिशत तक देखी गई, जो इस नए बदलाव को लेकर उत्साह और जागरूकता को दर्शाता है। इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षा को पहले से अधिक प्रभावी और संगठित तरीके से संचालित करना है, और यह देखना होगा कि आने वाले महीनों में इस शैक्षणिक सत्र के दौरान बच्चों और शिक्षकों पर क्या प्रभाव पड़ता है। सरकार को छात्रों की जरूरतों और उनकी समस्याओं का समय-समय पर समाधान करना होगा, ताकि यह बदलाव सकारात्मक रूप से लागू हो सके।
अभिभावकों का विरोध
हालांकि, इस निर्णय के खिलाफ कुछ अभिभावकों ने राज्य शिक्षा निदेशालय के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। उनका कहना था कि अप्रैल में स्कूलों का खुलना बच्चों के लिए गर्मी के मौसम में असुविधाजनक हो सकता है। इस बारे में कई अभिभावकों का कहना था कि जून में स्कूलों की शुरुआत से बच्चों को गर्मियों की छुट्टियां आराम से मिलती थीं, जबकि अब गर्मी के मौसम में स्कूल शुरू होने से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
शैक्षणिक सत्र की शुरुआत
इस वर्ष, गोवा में कक्षा छठी से बारहवीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों में कक्षाओं का आगाज किया गया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में कक्षा पांचवी से बारहवीं तक कुल 2,153 स्कूल हैं। इनमें से अधिकांश स्कूलों में 90 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई, जबकि कुछ स्कूलों में यह संख्या 100 प्रतिशत भी रही। यह संख्या दर्शाती है कि छात्रों और अभिभावकों ने सरकार के इस निर्णय को लेकर काफी समर्थन दिखाया है, हालांकि कुछ असंतोष भी दिखाई दिया है।
शिक्षा सचिव का दौरा
गोवा के शिक्षा सचिव, प्रसाद लोलयेकर ने सोमवार को पणजी के विभिन्न स्कूलों का दौरा किया और पहले दिन की छात्रों की उपस्थिति का मूल्यांकन किया। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों से बातचीत की और यह जानने की कोशिश की कि क्या समय सीमा में बदलाव से छात्रों पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। लोलयेकर ने बताया, "हम यह भी जानना चाहते थे कि क्या छात्र शैक्षणिक वर्ष की समयसीमा में बदलाव से परेशान हैं। गोवा में स्कूलों में 90 प्रतिशत उपस्थिति है और कुछ स्कूलों से 100 प्रतिशत उपस्थिति की सूचना मिली है।"
छात्रों की प्रतिक्रिया
शिक्षा सचिव ने छात्रों से बातचीत के दौरान पाया कि 80 प्रतिशत छात्रों ने अप्रैल में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के निर्णय को सकारात्मक रूप से लिया है। हालांकि, कुछ छात्रों ने गर्मी के मौसम में स्कूल जाने की असुविधा का उल्लेख किया। छात्रों ने यह भी अनुरोध किया कि उन्हें खेल प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए, ताकि वे शारीरिक रूप से सक्रिय रह सकें और मानसिक तनाव को कम कर सकें।