इतिहास में पहली बार भारत की आवाज को सम्मान के साथ सुना गया : उपराष्ट्रपति धनखड़

Edited By Parveen Kumar,Updated: 18 Oct, 2024 10:38 PM

for the first time in history india s voice was heard with respect

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि इतिहास में पहली बार भारत की आवाज को पहले से कहीं अधिक सम्मान के साथ सुना गया है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में भारत के उत्थान का मतलब वैश्विक शांति और स्थिरता होगा।

नेशनल डेस्क : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि इतिहास में पहली बार भारत की आवाज को पहले से कहीं अधिक सम्मान के साथ सुना गया है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में भारत के उत्थान का मतलब वैश्विक शांति और स्थिरता होगा। उपराष्ट्रपति ने मोहाली में ‘इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस लीडरशिप समिट 2024' को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपनी आबादी के अनुरूप वैश्विक मामलों में महत्वपूर्ण स्थान पर है, क्योंकि यहां ज्ञान और बुद्धि का भंडार है और मानवता का छठा हिस्सा इसी देश में रहता है।

उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत के उत्थान का मतलब होगा- ‘‘वैश्विक शांति, वैश्विक स्थिरता और वैश्विक सद्भाव''। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, ‘‘भविष्य के नेताओं के तौर पर आप इस पारिस्थितिकी तंत्र को बनाने में प्रमुख हितधारक हैं।'' उपराष्ट्रपति ने कहा कि नेतृत्व को राष्ट्रवाद से गहराई से जुड़ा होना चाहिए और राष्ट्र को इसके व्यापक हित में केंद्र में रखना चाहिए।

धनखड़ ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को अगली पीढ़ी के नेताओं की आवश्यकता है जो नवाचार और परिवर्तन को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने ऐसे नेतृत्वकर्ताओं को तैयार करने पर भी जोर दिया जो भारतीय और वैश्विक समस्याओं के समाधान ढूंढ़ सकें और हर रोज़ भारतीयों की चुनौतियों को हल करने के लिए साझेदारी बना सकें। धनखड़ ने कहा, ‘‘राष्ट्र को केंद्र में रखना होगा। हम दुनिया के किसी भी हिस्से में कुछ भी करें, हमारा दिल और आत्मा भारत में ही बसती है।''

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