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पहली बार, गलवान और सियाचिन में सैनिकों को मिली 4G और 5G की सुविधा

Edited By Pardeep,Updated: 20 Apr, 2025 09:40 PM

for the first time soldiers in galwan and siachen got 4g and 5g facilities

गलवान और सियाचिन ग्लेशियर सहित दुनिया के कुछ सबसे दुर्गम इलाकों में तैनात सैनिक अब अपने प्रियजनों के साथ संपर्क में बने रह सकते हैं, क्योंकि सेना ने लद्दाख क्षेत्र में विश्वसनीय उच्च गति युक्त मोबाइल संपर्क की सुविधा प्रदान की है। अधिकारियों ने...

नेशनल डेस्कः गलवान और सियाचिन ग्लेशियर सहित दुनिया के कुछ सबसे दुर्गम इलाकों में तैनात सैनिक अब अपने प्रियजनों के साथ संपर्क में बने रह सकते हैं, क्योंकि सेना ने लद्दाख क्षेत्र में विश्वसनीय उच्च गति युक्त मोबाइल संपर्क की सुविधा प्रदान की है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। 

सेना के अधिकारियों ने बताया कि डिजिटल विभाजन को पाटने और दूरदराज के समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम उठाते हुए, भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख, पश्चिमी लद्दाख और सियाचिन ग्लेशियर के अग्रिम स्थानों सहित लद्दाख के दूरदराज और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अभूतपूर्व मोबाइल संपर्क की सुविधा प्रदान की है। 

उन्होंने कहा कि पहली बार दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ), गलवान, डेमचोक, चुमार, बटालिक, द्रास और सियाचिन ग्लेशियर जैसे दुनिया के कुछ सबसे दुर्गम इलाकों में तैनात सैनिकों को अब विश्वसनीय 4जी और 5जी मोबाइल सेवा मिल पाएगी। अधिकारियों ने बताया कि यह पहल 18,000 फुट से अधिक ऊंचाई पर अलग-थलग सर्दियों में तैनात सैनिकों के लिए मनोबल बढ़ाने वाली साबित हुई है, जिससे उन्हें अपने परिवारों और प्रियजनों से जुड़े रहने में मदद मिली है। 

उन्होंने कहा कि यह अहम प्रयास संपूर्ण सरकारी ढांचे के तहत एक सहयोगी दृष्टिकोण के माध्यम से संभव हुआ है, जिसमें भारतीय सेना ने अपने मजबूत ऑप्टिकल फाइबर केबल बुनियादी ढांचे का लाभ उठाते हुए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के साथ साझेदारी की है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि ‘फायर एंड फ्यूरी कोर' ने इसे संभव बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उसकी वजह से सेना के बुनियादी ढांचे के आधार पर कई मोबाइल टावर स्थापित किए गए हैं, जिनमें अकेले लद्दाख और कारगिल जिलों में चार प्रमुख टावर शामिल हैं। 

अधिकारियों ने बताया कि इस पहल का प्रभाव सैनिकों के कल्याण से कहीं आगे है। यह एक महत्वपूर्ण राष्ट्र-निर्माण प्रयास है जो दूरदराज के सीमावर्ती गांवों के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने को बदल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ पहले गांवों'' (सीमा के नजदीक के गांवों)को राष्ट्रीय डिजिटल नेटवर्क से एकीकृत करके, यह प्रयास डिजिटल विभाजन को पाट रहा है, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा दे रहा है, सीमा पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, चिकित्सा सहायता और आपातकालीन सेवाओं को बढ़ा रहा है, तथा शैक्षिक पहुंच को सुलभ बना रहा है। 

सैन्य अधिकारियों ने बताया कि विशेष रूप से ऐतिहासिक उपलब्धि सियाचिन ग्लेशियर (दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र) पर 5जी मोबाइल टावर की सफल स्थापना थी, जो भारत की तकनीकी क्षमता और संकल्प को दर्शाता है। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने इस पहल का बहुत आभार के साथ स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल संपर्क सिर्फ संचार का साधन नहीं है, यह अब दूरदराज के समुदायों के लिए जीवन रेखा बन गई है, जो समावेश, अवसर और गरिमा को बढ़ावा देती है। 

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