Edited By Parveen Kumar,Updated: 15 Aug, 2024 09:23 PM
![for the first time temporary visa possible for 20 thousand indians](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_8image_21_23_20716808112-ll.jpg)
भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के लिए अहम मुद्दों पर सहमति बन गई है। एफटीए से भारत को बड़ा फायदा होने वाला है। पहली बार हर साल लगभग 20 हजार भारतीयों को अस्थायी वीजा मिलेगा।
नेशनल डेस्क : भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के लिए अहम मुद्दों पर सहमति बन गई है। एफटीए से भारत को बड़ा फायदा होने वाला है। पहली बार हर साल लगभग 20 हजार भारतीयों को अस्थायी वीजा मिलेगा। यह वीजा भारतीय पेशेवरों को ब्रिटेन में दो महीने से एक साल तक काम करने की छूट देगा। ये वीजा भारतीय स्किल्ड प्रोफेशनल्स को मिलेगा। भारत की ओर से एफटीए में ये सबसे बड़ी मांग थी। पूर्ववर्ती सुनक सरकार के प्रवासी विरोधी रवैए के कारण इस पर ब्रिटेन की ओर से सहमति नहीं बन पा रही थी।
दरअसल, कंजरवेटिव पार्टी की प्रवासी विरोधी नीतियों के कारण भारतीय पेशेवरों को वीजा में छूट नहीं देने की लॉबी हावी रही थी। अब कोर स्टारमर की लेबर सरकार ने इस पर भारत के पक्ष में कई प्रावधानों को मंजूरी प्रदान की है। ब्रिटेन की नई सरकार के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने हाल में भारतीय पक्ष के साथ 14 वें दौर की बातचीत की है। ब्रिटेन भारत बिजनेस काउंसिल के एमडी केविन मैकोल के अनुसार इस साल एफटीए पर मुहर लग जाएगी, संभावना इस बात की है कि दिवाली तक एफटीए लागू हो जाएगा।
स्किल्ड प्रोफेशनल्स पर भारत ने ब्रिटेन से अपनी शर्तें मनवाईं
ब्रिटेन में आने वाले स्किल्ड प्रोफेशनल्स (कुशल पेशेवर) की संख्या में भारतीय अव्वल थे। ब्रिटेन ने पिछले साल 50 हजार भारतीय प्रोफेशनल्स को वीजा जारी किया था। भारतीय पक्ष का कहना है कि पांच साल के लिए दिए जाने वाले स्किल्ड प्रोफेशनल्स कैटेगरी के साथ-साथ अस्थायी वीसा भी जारी किए जाएं। इससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा। भारतीय प्रोफेशनल्स के अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का रुख करने से रोकने के लिए ब्रिटेन भारत भारत की की र शर्त मानने को राजी हो गया।
ब्रेग्जिट के बाद ब्रिटेन के लिए जरूरी है भारत के साथ एफटीए
- 2016 में ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) छोड़ने के बाद से बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट जरूरी है।
- ब्रिटेन ने अब तक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ एफटीए किया है। कनाडा के साथ बातचीत चल रही है।
- ब्रिटेन में कीर स्टारमर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने चुनाव के दौरान ब्रिटिश वोटर्स से वादा किया था कि अगर वे सत्ता में आएंगे तो भारत के साथ मुक्त व्यापार को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।कंजरवेटिव पार्टी की ऋषि सुनक की सरकार के दौरान लेबर पार्टी के शेडो व्यापार मंत्री ने भारत का दौरा भी किया था। चुनावों के बाद अपने वादे पर कायम हैं।
सर्विस सेक्टर में एंट्री चाहता है ब्रिटेन, लेकिन भारत तैयार नहीं
ब्रिटेन एफटीए के जरिए भारत के सर्विस सेक्टर में में एंट्री चाहता है। लेकिन भारतीय पक्ष की ओर से अभी इसकी मंजूरी नहीं दी गई है। ब्रिटेन अपनी लीगल और फाइनेंसशियल फर्म को भारत में लाना चाहता है। ब्रिटेन की अन्य मांगे कारों और अल्कोहल पर भारत द्वारा टैक्स में कमी करना है। ब्रिटेन सरकार का का तर्क है कि भारत के द्वारा ब्रिटिश कारों पर टैक्स से उसकी कंपनियों को भारत में कारोबार करने में नुकसान होता है।
2030 तक दोनों देशों में 8 लाख करोड़ रुपए के व्यापार का लक्ष्य
बाजार में प्रबल संभावनाओं के चलते ब्रिटेन एफटीए के प्रति उत्सुक है। जर्मनी, फ्रांस और इटली यूरोपीय यूनियन में होने के कारण यूरोपीय बाजारों में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। भारत और ब्रिटेन की कीर स्टारमर सरकार ने रोडमैप 2030 के तहत 8 लाख करोड़ रुपए के व्यापार का लक्ष्य रखा है। 2023- 24 में दोनों देशों के बीच 4 लाख करोड़ रुपए के व्यापार का अनुमान है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 में भारत-ब्रिटेन के बीच व्यापार एक लाख 452 हजार करोड़ जबकि 2022-23 में ये एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए था।